झटपट पोर्टल के सॉफ्टवेयर को अपडेट के नाम पर करोड़ो रूपया डूबने के कागार पर… आवेदक/अभियंता हो रहे है परेशान… प्रत्येक पावर हाउस पर लगभग 1000 से अधिक कनेक्शन पेंडिंग में
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन का झटपट पोर्टल सॉफ्टवेयर को अपडेट के नाम पर पिछले 11 जनवरी से ठप था, जो 27 जनवरी की शाम 6 बजे चालू हुआ। झटपट पोर्टल…
वितरण निगमों का जहाज डूब रहा है, कुछ बूढ़ी आवाजों में त्राहिमाम-त्राहिमाम का मध्यम शोर है, परन्तु डूबते जहाज बचाने की कोई कवायद कहीं दूर-दूर तक नहीं
बेबाक निजीकरण का समर्थन नहीं करता…. जैसा कि समाचार पत्रों में खबर है कि वर्ष 2026 तक वितरण कम्पनियों का निजीकरण नहीं हो सकता। तो अनायास, बस एक बात ही…
नियमित कार्मिकों के आन्दोलन में सेवानिवृत्त कार्मिकों का अग्रणी भूमिका में होने के मायने, कहीं निजीकरण का होना पूर्व नियोजित तो नहीं है?
मित्रों नमस्कार! बेबाक निजीकरण का समर्थन नहीं करता … जो यह कहते नहीं थकते कि पिछले 70 सालों में हमने किया क्या है? न जाने कितनी सरकारें आयी और गयी।…
निजीकरण का विरोध, कहीं भ्रष्टाचार का समर्थन तो नहीं है?
मित्रों नमस्कार! बेबाक निजीकरण का समर्थन नहीं करता… यक्ष प्रश्न कि “क्या निजीकरण का विरोध, कहीं भ्रष्टाचार का समर्थन तो नहीं है”? क्योंकि आज वितरण निगमों का पूरा का पूरा…
बिजली कार्मिकों एवं पेंशनर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी, बिजली मीटर लगाना हुआ अनिवार्य… निजी घरानों के दवाब में मसौदा तैयार करने का आरोप
उत्तर प्रदेश के बिजली कार्मिकों एवं पेंशनर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी है। अब इन्हें मीटर लगाना अनिवार्य होगा। विद्युत अधिनियम 2003 में बिना मीटर कनेक्शन देने का प्रावधान नहीं…
क्या 25 वर्ष पहले ही ऊर्जा निगमों के निजीकरण की रुप-रेखा तैयार हो गई थी?
मित्रों नमस्कार! बेबाक निजीकरण का समर्थन नहीं करता…. यदि हम उ0प्र0पा0का0लि0 के पिछले 25 वर्षों के कार्यकलापों का विश्लेषण करें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि जब तत्कालीन उ0प्र0रा0वि0प0…
मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन – अब बिजली चोरी, घाटा, भ्रष्टाचार, वाणिज्यिक नुकसान को जिम्मेदार अब होगें बिजली उपभोक्ता
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दर तय करने की नई नियामवली का मसौदा जारी किया है। सूत्रो की माने, तो मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 का यह मसौदे…
क्या बाहरी कार्मिक पदाधिकारियों ने निजीकरण पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है…
मित्रों नमस्कार! बेबाक निजीकरण का समर्थन नहीं करता…..ऐसा प्रतीत होता है कि निजीकरण का शान्तिपूर्ण तरीके से विरोध करने के लिये आन्दोलन के रचनाकारों की अन्दर खाने सहमति के उपरान्त,…
गम्भीर से गम्भीर अनियमितताओं पर मीठे का कर्ज भारी!
मित्रों नमस्कार! बेबाक निजीकरण का समर्थन नहीं करता। दि0 09.01.25 को जनपद बरेली के कुछ अखबारों में प्रकाशित एक खबर, जोकि वितरण कम्पनियों में कार्य करने की प्रचलित कार्यशैली का…
भ्रष्टाचार रुपी छेद के कारण डूबते वितरण निगमों के जहाज को, अब सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार की नीचे से ऊपर तक फैली लाईनों को तोड़ने के संकल्प से ही बचाया जा सकता है।
मित्रों नमस्कार! बेबाक निजीकरण का समर्थन नहीं करता। बेबाक सदा से ही ऊर्जा निगमों के घाटे का मूल कारण, उनकी डाल-डाल से लेकर, पत्ते-पत्ते तक फैले हुए भ्रष्टाचार को ठहराता…