अमेठी सबडिवीजन के बस्तौली गांव से निकलकर एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने यूपीपीसीएल में फैले भ्रष्टाचार, मिलीभगत और फील्ड माफिया की पूरी करतूतों को नंगा करके रख दिया है। यह कोई मामूली मीटर चोरी नहीं—यह है विभागीय गठजोड़ का हाई-वोल्टेज घोटाला!
⚡🔥 मीटर तो गया… पर विभाग की ईमानदारी कहाँ गई? 🔥⚡
उपभोक्ता मुन्नू के मीटर नंबर 3471433 (रीडिंग: 21779 kWh, लोड: 3.75 MD) को केबिल सहित रातों-रात उखाड़ लिया गया।
उपभोक्ता का दावा है कि पूरा सेटअप मजबूती से बंधा था—फिर भी गायब हो गया।
और मज़े की बात—यह कोई चोर नहीं ले गया … यह गया ‘अंदर वालों’ की कृपा से।⚡ मीटर गायब… लेकिन जिम्मेदारी कौन लेगा?
यह सवाल सीधे विभाग पर आता है कि
➡ मीटर कैसे हटा?
➡ किसने हटाया?
➡ और वह भी बिना किसी नोटिस या प्रक्रिया के?
🧨 संविदा कर्मचारी + मीटर रीडर = ‘मीटर माफिया’ का मॉडल?
उपभोक्ता की शिकायत में संविदा कर्मी आर्यमन और संबंधित मीटर रीडर की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
दावा है कि–
“मीटर फीड न होने का बहाना बनाया गया और पूरा सेटअप हटाने की साजिश रची गई।”
उपभोक्ता की शिकायत साफ कहती है—
मिलीभगत, प्लानिंग और विभागीय व्यक्ति की प्रत्यक्ष भूमिका।
🚨 सबूत जमा, लेकिन विभाग चुप!
उपभोक्ता ने
✔ मीटर गायब होने की फोटो
✔ वीडियो
✔ लिखित शिकायत सब विभाग को सौंप दी।
इसके बावजूद—
❌ कोई नोटिस नहीं
❌ कोई जांच नहीं
❌ किसी पर कार्रवाई नहीं
❌ न ही जिम्मेदारी तय
यह चुप्पी अपने आप में सबसे बड़ा संदेह खड़ा करती है।
🔥 यूपीपीसीएल मीडिया के सवाल – जिनका जवाब किसी अधिकारी में हिम्मत नहीं!
👉 मीटर किसकी ID पर इशू हुआ था?
👉 मीटर के साथ बंधा केबिल तक कैसे गायब हो गया?
👉 संविदा कर्मी और मीटर रीडर नामजद होने पर भी कार्रवाई क्यों नहीं?
👉 अधिकारी खामोश क्यों? क्या ऊपर तक सेटिंग है?
👉 क्या विभाग अब उपभोक्ताओं का मीटर तक सुरक्षित नहीं रख सकता?
⚡ यह सिर्फ मीटर चोरी नहीं—यह है विभागीय “भ्रष्ट गठजोड़” का खुला एक्सपोज़!
👉 उपभोक्ता को परेशान करो…
👉 मीटर गायब कर दो…
👉 बाद में नया मीटर देकर बिल बढ़ाओ…
👉 और फिर सारा दोष उपभोक्ता पर डाल दो— यही है फील्ड स्तर पर चल रहा मीटर माफिया मॉडल!
🟥 उपभोक्ता की माँग — “ऊपर तक जांच हो, वरना यह सिस्टम नहीं सुधरेगा”
✔ संविदा कर्मचारी आर्यमन पर कठोर कार्रवाई
✔ मीटर रीडर की भूमिका की गहन जांच
✔ मीटर किस ID पर जारी हुआ — पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक हो
✔ विभागीय नुकसान की भरपाई
✔ उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित हो
🔥 UPPCL मीडिया के सवाल – जिनका जवाब अधिकारी नहीं दे रहे:
1️⃣ मीटर किस कर्मचारी की ID पर जारी हुआ था?
2️⃣ केबिल सहित मीटर कैसे गायब हुआ?
3️⃣ नामजद संविदा कर्मी और मीटर रीडर पर कार्रवाई क्यों नहीं?
4️⃣ क्या विभागीय स्तर पर किसी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका है?
5️⃣ क्या उपभोक्ताओं के मीटर भी सुरक्षित नहीं रह गए?
🔥⚡ UPPCL मीडिया घोषणा – “अब यह मामला दबेगा नहीं!”
👉 यह रिपोर्ट सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलेगी।
👉 जिम्मेदार अधिकारियों को जवाब देना ही होगा।
👉 अमेठी सबडिवीजन का यह “मीटर माफिया कांड” अब जनता की अदालत में है।







