लखनऊ। राजधानी के थाना मड़ियांव क्षेत्र अंतर्गत घैला पुल के पास सोमवार देर शाम एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से बड़ा हादसा हो गया। ट्रॉली पर लदे भारी-भरकम बिजली के पोल अचानक खिसककर आगे बैठे ड्राइवर पर आ गिरे, जिससे चालक बुरी तरह कुचल गया। ड्राइवर की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रॉली में लोड किए गए बिजली के पोल न तो ठीक से बैलेंस किए गए थे और न ही किसी सुरक्षा प्रबंध का पालन किया गया था। जैसे ही वाहन ने घैला पुल की ढलान पकड़ी, तेज झटके में पोल खिसक गए और पूरा वजन सीधे ड्राइवर के केबिन पर जा दबा।
प्रशासन और बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल
हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि
- बिजली विभाग भारी सामग्री का परिवहन बिना सुरक्षा मानकों के क्यों करता है?
- लोडिंग सुपरविजन करने वाले अधिकारी कहाँ थे?
- क्या परिवहन ठेकेदारों को सिर्फ बिलिंग की चिंता है, सुरक्षा की नहीं?
स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय सामग्री की ट्रॉलियां अक्सर ओवरलोड, अनबैलेंस, और बिना किसी चेतावनी संकेत के सड़कों पर दौड़ती देखी जाती हैं। परिणामस्वरूप हादसे आम हो गए हैं, लेकिन जिम्मेदारी तय करने में विभाग हमेशा चुप दिखाई देता है।

घटना के बाद अफरा-तफरी
हादसा होते ही मौके पर चीख-पुकार मच गई। राहगीरों ने किसी तरह ड्राइवर को मलबे से निकाला और अस्पताल भेजवाया। पुलिस ने ट्रैक्टर को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि ट्रॉली पर लदे पोल यूपीपीसीएल के थे, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि लोडिंग किस अधिकारी की निगरानी में हुई।
यूपीपीसीएल मीडिया की मांग
यूपीपीसीएल मीडिया प्रशासन से सीधा सवाल करता है—
क्या विभाग अपनी लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं पर आंखें मूंदे रखेगा?
कब तक कर्मचारियों, ठेकेदारों और आम जनता की जान जोखिम में डालकर बिजली सामग्री ढुलाई की जाएगी?

हादसे की निष्पक्ष जांच, संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और सुरक्षित परिवहन मानकों को तुरंत लागू करने की कड़ी मांग की जाती है।








