300 करोड़ से अधिक राजस्व, अध्यक्ष ने कमज़ोर परफॉर्मेंस पर कसे पेंच
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन की समीक्षा बैठक में आज अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने बिजली बिल राहत योजना की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की और खराब प्रदर्शन पर अधिकारियों की कड़ी क्लास लगाई। अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि नेवर-पेड और बिजली चोरी मामलों में पंजीकरण की गति बेहद धीमी है, जिसे हर हाल में तेज़ किया जाए।
बैठक में कानपुर, बांदा, सीतापुर, गोरखपुर और झांसी के मुख्य अभियंताओं को चेतावनी जारी की गई, जबकि मिर्जापुर के मुख्य अभियंता का स्थानांतरण करने के निर्देश दिए गए। इसी क्रम में सहायक अभियंता सुशील कुमार (कासगंज) को एडवर्स एंट्री और आशुतोष कुमार (मिर्जापुर) को निलंबन के आदेश दिए गए।
योजना बनी उपभोक्ता-प्रिय: 3.63 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन, 300 करोड़ का राजस्व
बिजली बिल राहत योजना को प्रदेशभर में उपभोक्ताओं का बढ़ता समर्थन मिल रहा है।
अब तक:
- 3,62,854 नेवर-पेड एवं लॉन्ग-अनपेड उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया
- ₹282.91 करोड़ राजस्व प्राप्त, लक्ष्य की दिशा में बड़ी उपलब्धि
- बिजली चोरी से जुड़े 4,911 उपभोक्ताओं ने भी योजना में हिस्सा लिया
अध्यक्ष ने कहा कि जल्दी पंजीकरण कराने वालों को अधिक लाभ, साथ ही पहली बार 100% ब्याज माफी और मूलधन में 25% तक छूट मिल रही है। बिजली चोरी मामलों में मुकदमा समाप्त व एफआईआर निस्तारण का अवसर मिलने से उपभोक्ता भारी संख्या में योजना की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
अधिकारियों पर सख्त निर्देश:
“हर उपभोक्ता को फोन कर योजना बताएं, मुनादी कराएं, नोटिस घर-घर दें”
डॉ. गोयल ने निर्देशित किया कि:
- प्रत्येक अधिकारी अपने क्षेत्र के हर उपभोक्ता से व्यक्तिगत संपर्क करे
- मीटर रीडर, फीडर मैनेजर, फिनटेक एजेंसियों को एक्टिव किया जाए
- पैम्फलेट, अखबार, सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप, कॉलर ट्यून के माध्यम से व्यापक प्रचार किया जाए
- जिला प्रशासन से समन्वय कर एक-एक उपभोक्ता तक योजना पहुँचाई जाए
अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि “योजना की प्रगति ही अधिकारियों के मूल्यांकन का आधार होगी। जहां खराब प्रदर्शन है, वहां कार्रवाई तय है।”
ट्रांसफार्मर डैमेज पर नाराज़गी—“जहां गिरावट नहीं, वहां तुरंत कार्रवाई करें”
बैठक में ट्रांसफार्मर डैमेज की स्थिति पर भी अध्यक्ष ने कड़ी नाराज़गी जताई।
उन्होंने कहा:
- “ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता किसी भी हालत में रुके।”
- “जहां लगातार डैमेज हो रहा है, वहां जिम्मेदारी तय कर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए।”
- “एई स्तर तक प्रतिदिन समीक्षा अनिवार्य है।”
अर्बन रिस्ट्रक्चरिंग पर सकारात्मक फीडबैक
मध्यांचल और पश्चिमांचल से मिले फीडबैक में बताया गया कि बिजली व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उपभोक्ता शिकायतों में कमी आई है और निस्तारण की गति भी तेज़ हुई है।
प्रोत्साहन योजना लागू: बेहतर प्रदर्शन पर पुरस्कार
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कर्मचारियों और कलेक्शन एजेंसियों हेतु प्रोत्साहन योजना भी लागू की गई है।
योजना समाप्ति के बाद:
- 10 अधिशासी अभियंता
- 20 उपखंड अधिकारी
- 30 अवर अभियंता
को प्रशस्ति-पत्र और प्रोत्साहन धनराशि से सम्मानित किया जाएगा।








