मेरठ। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मेरठ के अंतर्गत फर्जी चेकिंग का एक गंभीर मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता सचिन कुमार ने अपर पुलिस अधीक्षक एवं निगम के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि प्रवर्तन दल की टीम ने बिना संबंधित अभियंता (JE) को साथ लिए फर्जी चेकिंग की कार्रवाई की, जिसमें अभियंता की जानकारी के बिना अवैध वसूली भी की गई।

पत्र के अनुसार, यह चेकिंग रात के 3:30 बजे से लेकर सुबह 5:00 बजे तक की गई बताई गई — जबकि अभियंता उस समय कार्यालयीन कार्य में व्यस्त थे। इतना ही नहीं, चेकिंग रिपोर्ट में समय सुबह 5:00 बजे लिखा गया, जबकि अभियंता के अनुसार उस समय वे ड्यूटी पर उपस्थित नहीं थे।
सचिन कुमार ने बताया कि उन्होंने बार-बार प्रवर्तन टीम के SI आनंदपाल सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन टीम ने न तो उन्हें साथ लिया और न ही कोई सूचना दी। आरोप है कि इस पूरी कार्रवाई का उद्देश्य अभियंता को झूठे आरोपों में फंसाना और मानसिक उत्पीड़न करना था।
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि SI आनंदपाल सिंह द्वारा पूर्व में भी कई बार गलत व्यवहार और मनमानी की गई है। यहां तक कि उन्होंने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करते हुए बार-बार बिना अभियंता की उपस्थिति में चेकिंग की है।
प्रार्थी ने कहा है —
> “हम बिना JE के कोई चेकिंग नहीं कर सकते, परंतु SI आनंदपाल बार-बार हमें दरकिनार कर मनमानी करते हैं। यह उत्पीड़न की पराकाष्ठा है।”
पत्र में यह भी बताया गया है कि JE ने अवैध वसूली या किसी गलत गतिविधि में भाग नहीं लिया, फिर भी उन्हें फर्जी चेकिंग के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
सचिन कुमार ने मांग की है कि
इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर SI आनंदपाल सिंह के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे फर्जी और उत्पीड़क कार्यों पर रोक लग सके।

अगर आरोप सही हैं, तो यह मामला विभाग के अंदर की गंभीर प्रशासनिक लापरवाही और शक्ति के दुरुपयोग का उदाहरण है। बिना अभियंता की उपस्थिति में की गई “रात की फर्जी चेकिंग” ने न सिर्फ विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि ईमानदार अधिकारियों की सुरक्षा पर भी प्रश्न खड़ा कर दिया है.-UPPCL मीडिया








