बबेरू (बांदा)। यूपी के बांदा जिले के बबेरू तहसील स्थित बिजली घर में विभागीय भ्रष्टाचार का बड़ा मामला उजागर हुआ है। यहां तैनात क्लर्क (टीजी-2) ने उपभोक्ताओं से वसूले गए करीब 14 लाख रुपये विभागीय खाते में जमा ही नहीं किए और फरार हो गया।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी क्लर्क ने जून और जुलाई माह में बिजली बिल के नाम पर रकम वसूली, लेकिन एक भी पैसा सरकारी खाते में नहीं भेजा। विभागीय नियमों के अनुसार बिजली बिल की वसूली केवल अधिकृत सीएससी केंद्रों द्वारा की जानी चाहिए, मगर अफसरों की मिलीभगत से यह क्लर्क खुद वसूली कर रहा था।
जब हेराफेरी का मामला खुला तो विभाग में हड़कंप मच गया। अधिशासी अभियंता ने तत्काल आरोपी क्लर्क को सस्पेंड कर जांच बैठा दी। पूरे प्रकरण की रिपोर्ट थाना पुलिस को भेजी गई है और क्लर्क के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
इस बीच अधीक्षण अभियंता नंदलाल ने गहन जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह साफ हो सके कि इतने बड़े स्तर पर रकम जमा क्यों नहीं हुई और इस गबन में कौन-कौन अफसर शामिल हैं।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि अब तक करीब 14 लाख रुपये की हेराफेरी की पुष्टि हुई है, लेकिन वास्तविक गबन राशि इससे कहीं अधिक होने की संभावना है।
एसडीओ एजाज रसूल ने बताया कि आरोपी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई पूरी कर ली गई है और उसकी संपत्ति से रिकवरी के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
बिजली विभाग में इस खुलासे के बाद पूरे जिले में भ्रष्टाचार और अफसरशाही की पोल खुल गई है।
लोगों में गुस्सा है कि वसूली क्लर्क करता रहा, अफसर आंख मूंदे रहे — और जब मामला सामने आया तो जांच की औपचारिकता शुरू कर दी गई!
🔹 अब सवाल यह है कि क्या विभागीय जांच के नाम पर यह प्रकरण भी ठंडे बस्ते में जाएगा, या फिर जिम्मेदार अफसरों तक भी पहुंचेगी आंच…!
📍 रिपोर्ट : यूपीपीसीएल मीडिया





