
प्रबंधन का दोहरा रवैया! 🔹 “नियम से काम करने पर भी सस्पेंशन — यूपी पावर विभाग में बढ़ता अभियंताओं का उत्पीड़न!”
नियम से काम करने पर भी अभियंताओं का उत्पीड़न, निलंबन की बाढ़ ने बढ़ाई नाराज़गी
₹17 हजार की वसूली पर सस्पेंशन — प्रबंधन का दोहरा रवैया उजागर!
लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (लेसा) में जूनियर इंजीनियरों का उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रबंधन की मनमानी और दोहरे मापदंडों से विभाग में भारी असंतोष फैल गया है। बिना किसी ठोस आरोप या जांच के अभियंताओं पर लगातार निलंबन और दूरस्थ स्थानों पर अटैचमेंट की कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, जानकीपुरम जोन के इंजीनियरिंग कॉलेज पावर हाउस में तैनात अवर अभियंता अरविंद भारती के अधीन कार्यरत लाइनमैन ने राजस्व वसूली के तहत ₹17,000 से अधिक के बकाया बिल पर उपभोक्ता का कनेक्शन विच्छेदित कर दिया था।
विडंबना देखिए—वही नियमित प्रक्रिया, जिसे उच्चाधिकारियों द्वारा प्रतिदिन राजस्व वसूली के लिए आदेशित किया जाता है, अब अभियंता के लिए सजा का कारण बन गई। प्रबंध निदेशिका महोदया ने इसी कार्रवाई को आधार बनाते हुए अरविंद भारती को निलंबित कर लखनऊ से बरेली जोन अटैच कर दिया।
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⚡ “राजस्व वसूली पर सस्पेंशन — ये कैसा न्याय यूपी पावर विभाग में?”
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🔥 “प्रबंधन की मनमानी! नियम पालन पर भी अभियंताओं को सज़ा”
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⚖️ “राजस्व वसूली करो तो सस्पेंड, न करो तो नोटिस — विभाग में दोहरा रवैया”
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⚡ “लेसा में इंजीनियरों पर कार्रवाई की बाढ़, प्रबंधन के दोहरे मानदंड पर सवाल”
अभी अमौसी जोन के अवर अभियंता आशुतोष का अनुचित निलंबन और गोमती नगर उपखंड अधिकारी व अधिशासी अभियंता के खिलाफ हुए विवादास्पद स्थानांतरण प्रकरण की आंच ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि अब जानकीपुरम जोन, इंजीनियरिंग कॉलेज पावर हाउस में तैनात अवर अभियंता अरविंद भारती को अनुचित रूप से निलंबित कर लखनऊ से बरेली जोन अटैच कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, अभियंता अरविंद भारती के लाइनमैन द्वारा राजस्व वसूली के तहत ₹17,000 से अधिक बकाया बिल पर विद्युत विच्छेदन की कार्रवाई की गई थी। यही नियमित प्रक्रिया उनके लिए सजा बन गई — प्रबंध निदेशिका ने इसे आधार बनाकर निलंबन का आदेश जारी कर दिया।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि एक ओर राजस्व वसूली में लापरवाही पर प्रतिदिन चेतावनी आदेश जारी किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जब कोई अभियंता सक्रियता दिखाते हुए वसूली कराता है, तो उसी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। इस दोहरे रवैये ने फील्ड स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों का मनोबल तोड़कर रख दिया है।
विभाग के अंदरखाने में चर्चा है कि यह निलंबन भी प्रबंधन की व्यक्तिगत नाराजगी और दबाव की राजनीति का नतीजा है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि इस प्रकार की मनमानी जारी रही, तो न तो राजस्व लक्ष्य पूरे होंगे, न ही विभाग में कार्य संस्कृति बच पाएगी।
“एक तरफ वसूली न करने पर सजा, दूसरी तरफ वसूली करने पर सस्पेंशन — यह आखिर कौन-सा न्याय है?”
फील्ड कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि निष्पक्ष जांच कराई जा सके और जूनियर अभियंताओं के उत्पीड़न पर रोक लग सके।
यह निलम्बन तब, जबकि हाल में ही अधिशासी अभियंता ने मांगा था पत्र लिख कर स्पष्टीकरण
⚡राजस्व वसूली में सुस्ती: इंजीनियरिंग कॉलेज उपकेंद्र पर 7.20% की गिरावट, अधिशासी अभियंता ने मांगा स्पष्टीकरण
लखनऊ। जानकीपुरम विस्तार स्थित 33/11 केवी इंजीनियरिंग कॉलेज उपकेंद्र की राजस्व वसूली में भारी गिरावट दर्ज की गई है। अगस्त 2025 तक की रिपोर्ट में वसूली में 7.20 प्रतिशत की कमी पाई गई है। इस पर अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड जानकीपुरम ने जिम्मेदार अवर अभियंता से नियम 10 के तहत स्पष्टीकरण मांगा है।
कार्यालय द्वारा जारी पत्र संख्या 8023/CA-01/विवि(खण्ड)/त0 दिनांक 26 सितंबर 2025 के अनुसार, वर्ष 2025-26 के अगस्त माह में उपकेंद्र की मासिक उपलब्धि 5.22 करोड़ रुपये से घटकर 4.86 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.90 प्रतिशत कम है।
इसी तरह, अप्रैल से अगस्त 2025 तक की कुल प्रगति में भी गिरावट दर्ज की गई — जहाँ पिछले वर्ष की उपलब्धि 22.79 करोड़ रुपये थी, वहीं इस वर्ष यह घटकर 21.15 करोड़ रुपये रह गई।
अधिशासी अभियंता ने कहा कि इस स्तर की गिरावट यह दर्शाती है कि संबंधित अवर अभियंता द्वारा राजस्व वसूली जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने निर्देश दिया कि नियम 10 के तहत 15 दिनों के भीतर विस्तृत स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया जाए, अन्यथा उच्चाधिकारियों को प्रतिवेदन भेजा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, निगम प्रबंधन ने ऐसे सभी उपकेंद्रों की निगरानी तेज करने के निर्देश जारी किए हैं जहाँ राजस्व वृद्धि के बजाय गिरावट देखी जा रही है।