⚠️ शिकायतें हुईं अनसुनी, मौत ने दे दी दस्तक — हरदोई हादसे ने खोली सिस्टम की पोल
हरदोई। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) की लापरवाही एक बार फिर दर्दनाक हादसे की वजह बनी। हरदोई जिले के सांडी रोड स्थित नृसिंह भगवान मंदिर में मंगलवार शाम प्रसाद चढ़ा रहे श्रद्धालुओं पर 11 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन गिर गई। हादसे में मंदिर के पुजारी कुलदीप मिश्र के 16 वर्षीय पुत्र कार्तिकेय मिश्र की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो अन्य श्रद्धालु सतीश और साक्षी झुलस गए।
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने शव को सड़क पर रखकर हरदोई–सांडी मार्ग पर जाम लगा दिया। उनका आरोप था कि इस लाइन की खराब स्थिति की शिकायत कई बार बिजली विभाग से की गई थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि लाइन की शिकायत कई बार की गई थी, पर विभाग ने आंखें मूंद रखीं। वही जर्जर तार आज मौत का कारण बन गया।
सीसीटीवी फुटेज में हादसे का मंजर साफ दिखाई दे रहा है — मंदिर के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन अचानक जोरदार धमाके के साथ टूटती है और टीन शेड पर गिरते ही भीषण स्पार्किंग होने लगती है। इसी दौरान मंदिर परिसर में खड़े श्रद्धालु करंट की चपेट में आ जाते हैं।।
प्रशासन मौके पर पहुँचा, मगर तब तक जा चुकी थी एक मासूम की जान
सूचना पर प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसडीएम सदर सुशील कुमार मिश्रा और सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने हालात संभालने और लोगों को शांत कराने में जुटे। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा देकर जाम खुलवाया।
पुजारी कुलदीप मिश्र का फूट-फूटकर कहना —
“दो बार लाइन टूट चुकी थी, शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आज उसी लापरवाही ने मेरा बच्चा छीन लिया।”
मामले में एसडीएम सदर सुशील कुमार मिश्रा और सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने मौके पर पहुँचकर लोगों को समझाया और जांच की बात कही। अधिकारियों के अनुसार, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
हरदोई हादसा एक बार फिर बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अगर शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई होती, तो शायद एक मासूम की जान बचाई जा सकती थी।
पर सवाल वही है — कब तक बिजली विभाग की ढिलाई मौत बनकर गिरेगी? कब तक शिकायतें फाइलों में दबती रहेंगी और जिम्मेदारी से बचते रहेंगे अधिकारी?
हरदोई का यह हादसा एक दर्दनाक याद बन गया है —
बिजली आई नहीं, पर जान ले गई। ⚡








