
🛑 निजीकरण की साजिश के खिलाफ जूनियर इंजीनियर्स का हल्ला बोल!
📍 राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने सरकार को दी कड़ी चेतावनी —
“नियमानुसार आंदोलन होगा अब और भी तीखा!”
लखनऊ। पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों में निजीकरण की साजिशों के खिलाफ जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने अपना रुख और अधिक कड़ा कर लिया है। बीते कई महीनों से चल रहे चरणबद्ध विरोध कार्यक्रमों के तहत अब संगठन ने नियमानुसार कार्य आंदोलन को भी शामिल कर लिया है।
🔴 संगठन ने 19 जुलाई को अपने पत्र क्रमांक 53/स-7 के माध्यम से सभी सदस्यों और पदाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
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मुश्तरी संचालन को छोड़कर कोई भी फील्ड आउटडोर कार्य नहीं किया जाएगा।
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कार्य अवधि के उपरांत और छुट्टी के दिनों में सभी विभागीय बैठकें बहिष्कृत रहेंगी।
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सरकारी मोबाइल पर किसी भी विभागीय ग्रुप में संवाद नहीं किया जाएगा।
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व्यक्तिगत वाहन का उपयोग केवल आवश्यक सेवाओं के लिए होगा, किसी भी अन्य कार्य में नहीं।
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राजस्व वसूली भी केवल पूर्ण सुरक्षा के साथ ही होगी।
⚡ संगठन का साफ संदेश — “जब तक निजीकरण की नीति वापस नहीं ली जाती, तब तक आंदोलन और तेज़ होता जाएगा!”
💬 केंद्रीय महासचिव बलवीर यादव ने पत्र में यह स्पष्ट किया कि इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए संगठन के हर सदस्य को अनुशासन और निर्देशों का पालन करना होगा।
📰 यह सिर्फ विरोध नहीं, बिजली के जन अधिकारों की लड़ाई है!
सरकार को चेतावनी — इंजीनियर सड़क पर उतर आए, अब और देर नहीं सहेंगे!