
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अन्तगर्त अधीक्षण अभियंता विद्युत नगरीय वितरण मण्डल (द्वितीय) लेसा के अधीक्षण अभियन्ता इंजीनियर यदुनाथ राम सराहनीय व प्रभावी पहल का असर उनके अधीनस्थ क्षेत्र में दिखने लगा। मध्यांचल विघुत वितरण निगम में शायद पहली बार होगा, जब एक सर्किल स्तर पर एक इंजीनियर लीक से हट अपने अधीनस्थ पावर हाउस पर कुशल/अकुशल संविदाकार्मियों के चयन व कार्य प्रणाली को लेकर न सिर्फ अंदुरूनी जॉच कराई, बल्कि अनुपयोगी कुशल/अकुशल संविदाकार्मियों की छटनी कर उसके स्थान पर उपयोगी कुशल/अकुशल संविदाकार्मियों को रखने के लिए तीन सदस्यीय जॉच कमेटी भी बना डाली। यहां यह भी बताना जरूरी होगा कि इंजीनियर यदुनाथ राम द्वारा वेश बदल कर विभाग की कार्य प्रणाली की जॉच करने से न सिर्फ संविदाकार्मियों बल्कि कार्यालय सहायको व इंजीनियरों में भी खौफ भरा हुआ है।
विद्युत नगरीय वितरण मण्डल (द्वितीय) लेसा अन्तगर्त उपकेन्द्रों पर तैनात कुशल/अकुशल संविदकार्मियों द्वारा किये जा रहे कार्यो, सुरक्षा नियमों के अनुपालन एवं सुरक्षा उपकरणों के प्रयोग किये जाने की जानकारी लेने हेतु प्रत्येक कुशल/अकुशल संविदा कर्मचारी से उनके द्वारा किये गये कार्यो के सम्बन्ध में गहन पूछ-ताछ की गई।
प्राइमरी स्तर पर हुई पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश मे आया कि लगभग 40 प्रतिशत संविदा कर्मचारी विद्युत लाइनों/परिवर्तकों के प्रिवेन्टिव मेन्टिनेस ब्रेक डाउन मेन्टिनेन्स सम्बन्धित कार्य करते ही नहीं है, बल्कि उनके द्वारा सिर्फ बकायेदारो का संयोजन विच्छेदन एवं नये कनेक्शन हेतु सर्वे कार्य ही किया जाता है।
इसके साथ ही एक हैरानी व सोचनीय तथ्य भी प्रकाश में आया है, वह यह है कि बकायेदारो के विद्युत संयोजन-विच्छेदन/बकाया जमा कराने/नये विद्युत संयोजन के विरूद्ध सर्वे करने हेतु लगभग 40 प्रतिशत कुशल/अकुशल संविदाकर्मी ऐसे लगें है, जो कि स्थानीय एवं दबंग प्रवृति के है। यह सभी लोग एजेन्सी द्वारा उपलब्ध करायी गयी वर्दी भी नहीं पहनते है और न ही एजेन्सी द्वारा निर्गत किया गया पहचान पत्र ही रखते हैं। जबकि अनुबन्ध की शर्तो के अनुसार प्रत्येक संविदाकर्मी कों कार्यस्थल पर निधार्रित वर्दी में पहचान पत्र के साथ रहना अनिवार्य है।
अंदुरूनी जॉच रिपोर्ट से यह तथ्य प्रकाश में आया कि ऐसे संविदाकर्मियों से विभाग को कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा है, अपितु इसके विपरीत इनके कृत्यों से उपभोक्ताओं का शोषण होता है एवं आमजन मानस में विभाग की छवि धूमिल होती है। इसलिए इस प्रकार के संविदाकर्मियों को निकाल कर उनके स्थान पर योग्य/अनुभवी/ईमानदार एवं विभाग के प्रति निष्ठावान एवं उपभोक्ताओं की सेवा में रूचि रखने वाले संविदाकर्मियों को रखे जाने की आवश्यकता है, जो कि आवश्यकता के अनुसार विद्युत लाइनों/परिवर्तकों के प्रिवेन्टिव मेन्टिनेस/ब्रेक डाउन मेन्टिनेन्स आदि से सम्बन्धित कार्य कर सकें तथा आवश्यकता पड़ने पर बकयेदारों के विद्युत संयोजन विच्छेदन, राजस्व वसूली इत्यादि भी कार्य कर सकें।
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ऐसे संविदाकर्मियों की पहचान हेतु तीन सदस्यीय की कमेटी का गठन किया जाता है, जिसमें अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय परीक्षण खण्ड-द्वितीय, लखनऊ इंजीनियर पवन कुमार वर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि उपखण्ड अधिकारी, विद्युत नगरीय वितरण उपखण्ड-गोमतीनगर विस्तार इंजीनियर योगेश कुमार सिंह एवं लेखाकार, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-गोमतीनगर, लेसा, लखनऊ मो0 बिलाल को सदस्य बनाया गया है।
उक्त समिति संविदाकर्मी कर्मचारी से उनके द्वारा किये गये कार्यों के सम्बन्ध में पूछ-ताछ करेगी, आवश्यकतानुसार उनके तकनीकी ज्ञान की जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रश्नोत्तर करेगी, उनके द्वारा किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन करेगी तथा विद्युत उपभोक्ताओं से उनके व्यवहार एवं आचरण के विषय में जानकारी प्राप्त करेगी तथा विभाग के प्रति उनकी उपयोगिता के सम्बन्ध में निर्णय लेगी। विभाग के लिये अनुपयोगी संविदाकर्मियों की सूची तैयार कर अपनी आख्या 15 दिनों के अन्दर इस कार्यालय को देना सुनिश्चित करेगी। जिससे जनहित एवं विभागीयहित में मेसर्स अवनी परिधि से इन संविदा कर्मचारियों को निष्कासित करते हुये उनके स्थान पर योग्य/अनुभवी/ईमानदार एवं विभाग के प्रति निष्ठावान/उपभोक्ताओं की सेवा में रूचि रखने वाले संविदाकर्मियों को रखे जाने की आवश्यक कार्यवाही की जा सके।