
अयोध्या में विद्युत विभाग ने श्रमिक संघ के नेता पर कर्मचारियों की बर्खास्तगी के खिलाफ आंदोलन करने पर विभागीय कार्य प्रभावित करने का हवाला देते हुए रूपया 5.5 करोड़ का जुर्माना लगाया है. यहीं नहीं 30 दिन के अंदर जुर्माना अदा करने की चेतावनी भी दी है।
मध्यांचल डिस्कॉम अन्तगर्त अयोध्या जनपद में विद्युत विभाग ने श्रमिक संघ के नेता पर कर्मचारियों की बर्खास्तगी के खिलाफ आंदोलन करने को लेकर 5.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. अयोध्या के विद्युत वितरण खंड के मुख्य अभियंता (वितरण) अशोक कुमार चौरसिया ने कर्मचारी संघ के नेता को नोटिस जारी कर 1,500 बिजली कर्मचारियों की बर्खास्तगी के विरोध में ’धरना-प्रदर्शन’ करने को लेकर 5.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने को कहा है। हालांकि यह जुर्माना किस मानक को ध्यान में रखकर लगाया गया है… इसका जबाब मिलना बाकी है।
जारी नोटिस में कहा गया है कि आपकी ओर से 23 अप्रैल से धरना-प्रदर्शन में उच्च तीव्रता के लाउडस्पीकर्स का प्रयोग किया जा रहा है। इसके कारण विभागीय कार्य बाधित हो रहा है। राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। अपेक्षा है कि अविलंब धरना प्रदर्शन स्थगित करना सुनिश्चित करें। अन्यथा 23 से 31 अप्रैल तक 50 लाख रुपये प्रतिदिन व एक से 20 मई तक प्रतिदिन 10 लाख के हिसाब से क्षति की वसूली की जाएगी। रकम अदा न करने पर एफआईआर की चेतावनी भी दी गई। इससे पहले भी मुख्य अभियंता की ओर से नोटिस जारी किया जा चुका है। बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरना दे रहे हैं। दरअसल एक माह पहले 200 से अधिक संविदा बिजली कर्मियों को बिना नोटिस के बाहर कर दिया गया था। नौकरी पर वापस लेने के लिए संविदाकर्मी एक माह से मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं।
बताते चले कि ’विद्युत मजदूर पंचायत उत्तर प्रदेश’ की अयोध्या इकाई के जिला अध्यक्ष जय गोविंद को विद्युत वितरण खंड के मुख्य अभियंता (वितरण) अशोक कुमार चौरसिया द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस मिला है, जिसमें 5.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है। पिछले महीने, 1500 आउटसोर्सिंग बिजली कर्मचारियों की सेवाओं को ’मानकों के अनुपालन’ का कारण बताकर समाप्त कर दिया गया था. मुख्य अभियंता द्वारा जय गोविंद को भेजे पत्र में कहा गया था कि 22 अप्रैल से 10 मई तक, वह लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और उच्च तीव्रता वाले लाउडस्पीकर का उपयोग कर रहे थे, जिससे विभागीय कार्य, बिजली आपूर्ति और राजस्व वसूली प्रभावित हुई थी.
इस सन्दर्भ में जब एक पत्रकार ने मुख्य अभियंता (वितरण) अशोक कुमार चौरसिया से यह पूछा कि उन्होंने किस कानून की धारा तहत जुर्माना लगाने का नोटिस जारी किया है… तब उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई धारा या कानून नहीं पता है, मैंने सिर्फ नोटिस जारी किया है. कानून की धाराएं पुलिस और न्यायालय तय करेंगे।’’ वैसे नोटिस उत्तर प्रदेश राजकीय विद्युत उपक्रम अधिनियम 1958 की धारा तीन के तहत जारी किया गया है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि वह नोटिस प्राप्ति की तिथि से 30 दिन के भीतर जुर्माना अदा नहीं करते हैं, तो नोटिस की लागत समेत पूरी राशि भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूल की जाएगी।