
लखनऊ। सिटी स्टेशन से डालीगंज रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे लाइन किनारे बसी करीब 200 झुग्गियों में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी का खुलासा हुआ है। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा झुग्गियां हटाने की कार्रवाई के दौरान यह मामला सामने आया। इसमें अफसरों की अनदेखी और स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत की भी चर्चा है।
राजधानी लखनऊ में पॉवर कॉरपोरेशन के शीर्ष अफसरों के निर्देश पर भी कुछ इलाकों के इंजीनियर बिजली चोरी रोकने में दिलचस्पी नहीं ले रहे। इसकी पोल रेलवे सुरक्षा बल शुक्रवार को रेल लाइन के किनारे बसे झुग्गी-झोपड़ी के लोगों हटाने के दौरान खुली। रेलवे पुलिस को इस बिजली चोरी को देखकर हैरत हुई।
झुग्गी-झोपड़ी हटाए जाने की उच्च स्तर पर रिपोर्टिंग के दौरान इस बिजली चोरी का भी उल्लेख किए जाने की बात कही जा रही है। शुक्रवार को रेलवे पुलिस ने सिटी स्टेशन से डालीगंज रेलवे स्टेशन के बीच लाइन किनारे की झुग्गी-झोपड़ी को हटाया। विश्वविद्यालय खंड के डालीगंज इक्का स्टैंड, और अहिबरनपुर उपकेंद्र के तहत आने वाले दोनों तरफ करीब 200 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ी में यह बिजली चोरी मिली, मगर एफआईआर नहीं हो सकी।
चर्चा थी कि इक्का स्टैंड के तीन कर्मचारी इस बिजली चोरी के एवज में प्रतिमाह 300 से 500 रुपये की उगाही करते थे। इसके अतिरिक्त 20 बिजली चोरी खदरा, वजीरगंज, बशीरतगंज, यासीनगंज आदि में पकड़ी गई। इसमें सलमान, अजहर, रेहाना आदि के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।