
रायबरेली। बिजली विभाग में मीटर रीडिंग कर बिल बनाने का काम कार्यदायी संस्था द्वारा कराया जाता है। कई बार मीटर रीडर रीडिंग करने के बजाय घर बैठे ही मनमाना बिल बना देते हैं। गलत बिल सही कराने के लिए उपभोक्ताओं को स्थानीय स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, जिसके एक नहीं कई उदाहरण है… जैसे
जगतपुर के पारी निवासी राम हर्ष ने बताया कि जनवरी 2024 तक का बिल जमा था। जुलाई में चार महीने का बिल 40 हजार रुपये बना दिया गया है, जबकि इस बीच कोई भी मीटर रीडर रीडिंग लेने के लिए नहीं आया। एक सप्ताह से उपखंड कार्यालय जा रहे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं।
बिंदा गंज निवासी रामकेश यादव ने बताया कि मार्च से अब तक का बिल आठ हजार रुपये आया है। मीटर की रीडिंग के लिए भी कोई नहीं आता। कई बार उपखंड कार्यालय की दौड़ लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
चौबेपुर निवासी उमेश निर्मल का कहना है कि जून का बिल 3960 रुपये आया है। रोहनिया उपकेंद्र से अधिशासी अभियंता कार्यालय की दौड़ लगाते हुए करीब 15 दिन बीत रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
ऊंचाहार के रामसांडा निवासी रमेश कुमार का कहना है कि किन्हीं कारणों से बिल नहीं जमा हो सका। लगभग दो सालों में 1.15 लाख रुपये का बिल बन गया, जबकि घर में बिजली का इस्तेमाल बहुत कम होता है। महीनों से दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन अब तक बिल में सुधार नहीं हो पाया है।
जमुना पुर निवासी सुखराम का कहना है कि एक किलोवाट का ग्रामीण घरेलू कनेक्शन है। नवंबर 2023 में सभी बकाए का भुगतान कर दिया था। इसके बाद आठ महीनों का बिल 1.26 लाख रुपये दिखा रहा है। कई दिनों से लगातार बिलजी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोोईई सुनने वाला नहीं है।
अधिशासी अभियंता धीरेंद्र सिंह के अनुसार उपभोक्ता बिल संबंधी शिकायतों के लिए स्थानीय कार्यालय या अधिशासी अभियंता कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं। सभी शिकायतों का निस्तारण कराया जाएगा। शिकायत सही पाए जाने पर मीटर रीडर के विरुद्ध कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।