
उत्तर प्रदेश में ऊर्जा विभाग ने भीषण गर्मी में 30700 मेगावाट का आपूर्ति करके रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहा, लेकिन अब जब बिजली की मांग 26287 से 27000 मेगावाट के बीच जा रही है, इसके बाद भी उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 के तहत 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का नियम को दर किनार करते हुए रोस्टर प्रणाली लागू करके 24 घंटे बिजली देने के बजाय ग्रामीण इलाके में छह घंटे कटौती की जा रही है। हालांकि इस कटौती का विरोध होना भी शुरू हो गया है।
वहीं एक चौकाने वाला तथ्य प्रकाश में आया है कि पावर कारपोरेशन ने रोस्टर प्रणाली लागू करके इस कटौती के जरिए जहां दूसरे राज्यों को 1842 मेगावाट बिजली बेचा गया है। पूरे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में छह घंटे की कटौती शुरू हो गई है।
बिजली उपभोक्ताओं का अधिकार है कि उन्हें 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाए। इसी के तहत ऊर्जा विभाग ने तीन माह पहले रोस्टर प्रणाली खत्म किया था, लेकिन एक जुलाई से इसे फिर लागू कर दिया गया है। इसके तहत ग्रामीण इलाके में छह घंटे, बुंदेलखंड में चार घंटे और तहसील व नगर पंचायत मुख्यालय पर ढाई घंटे कटौती का निर्देश दिया गया है। एक जानकारी के मुताबिक छह घंटे की कटौती के आदेश से प्रदेश में प्रति व्यक्ति बिजली खपत घटने की सम्भावना है। वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत 1208 यूनिट थी, तो उत्तर प्रदेश में सिर्फ 629 थी। जबकि दिल्ली की 1572, हरियाणा की 2229 और पंजाब 2171 की थी।
उन्होंने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 23 के तहत एक जनहित प्रस्ताव दाखिल करते हुए मांग की कि उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 के तहत 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का नियम है। इसलिए विद्युत नियामक आयोग तत्काल पावर कारपोरेशन को बिजली कटौती खत्म करने का निर्देश दे। रोस्टर जारी करने के मुद्दे पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।
प्रदेश में बिजली की कमी नहीं, फिर भी कटौती
प्रदेश में बिजली उत्पादन की कमी नहीं है। जहां उत्पादन पर्याप्त है, वहीं खपत घटी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो जुलाई को पावर कारपोरेशन ने 1842 मेगावाट बिजली दूसरे राज्यों को बेची है। इतना ही नहीं गर्मी में जहां पावर कारपोरेशन ने करीब 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी थी, वहीं इन दिनों 2.31 रुपया प्रति यूनिट से 70 पैसा प्रति यूनिट है। ऐसे में खरीद को लेकर कोई अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ रहा है।