
अंबेडकरनगर में सौभाग्य योजना के तीसरे चरण के तहत 356 मजरों को बिजली से जोड़ा जाएगा। इसके लिए 9 करोड़ 88 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है। 11 हजार वोल्टेज की लाइनें और नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। पायनियर कंपनी को विद्युतीकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्रामीणों में खुशी है क्योंकि अब उन्हें बांस-बल्ली के सहारे बिजली नहीं चलानी पड़ेगी और घरों में बिजली पहुंचने से उपकरण चलेंगे।
अंबेडकरनगर। बिजली से वंचित 356 मजरे जल्द ही रोशन होंगे। पावर कारपोरेशन की ओर से इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। सौभाग्य योजना के तीसरे चरण में नौ करोड़ 88 लाख खर्चे होगा। 11 हजार वोल्टेज एवं एलटी लाइन संग नया ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा।
उक्त परियोजना के पूरा होने के बाद शत-प्रतिशत मजरों में बिजली पहुंच जाएगी। बांस-बल्ली के सहारे चल रही आपूर्ति से छुटकारा के साथ निर्धारित बिजली आपूर्ति मिलेगी।
केंद्र सरकार द्वारा हर गांव-गली व प्रत्येक घर को रोशन करने की योजना को धरातल पर उतारने में राज्य सरकार बखूबी लगी है। इस योजना के तहत जिले के करीब 50 हजार घरों को कनेक्शन मिलेगा। शासन द्वारा हरी झंडी देते हुए बजट का आवंटन कर दिया है। विद्युतीकरण का जिम्मेदारी पायनियर कंपनी को सौंपा गई है। चिह्नित मजरों में कंपनी खंभा पहुंचाने में लगी है।
तीन चरण में होगा निर्माण
विद्युतीकरण का यह कार्य तीन चरण में पूरा होगा। पहले चरण में खंभे लगाए जाएंगे। दूसरे में केबल और तीसरे चरण में बिजली आपूर्ति एवं कनेक्शन दिया जाएगा। जुलाई के पहले सप्ताह में कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वर्ष 2026 में अप्रैल तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।
चिह्नित हुए कार्यक्षेत्र
सरहरी दक्षिण, भिआंव पुरवा, नेवादा कला, नूरपुरकला, नोनहर, सेमरा, रामगढ़ में बिजली की आपूर्ति नहीं होने से लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। घरों में रखे बिजली से चलने वाले उपकरण शोपीस बने हैं।
ऐसे में विद्युतीकरण होने के बाद घरों तक बिजली आपूर्ति पहुंचेगी। सौभाग्य योजना तीसरे चरण के प्रभारी शिवम त्रिपाठी ने बताया कि योजना से चयनित मजरों में विद्युतीकरण कार्य होगा। अकबरपुर अधिशासी अभियंता आशीष यादव ने कहाकि काम पूरा होने के बाद कोई भी गांव और मजरा बिजली से वंचित नहीं रह जाएगा।
ग्रामीणों ने जताई खुशी
विद्युतीकरण के लिए चयनित मजरे में विद्युतीकरण के लिए नामित कंपनी द्वारा केबल तथा खंभे पहुंचने पर ग्रामीणों में खुशी है। अब बांस व बल्ले के सहारे बिजली नहीं बल्कि खंभे के सहारे घरों तक बिजली पहुंचेगी। रामगढ़ के संतोष, दीपक वर्मा ने कहा कि गांव में विद्युतीकरण न होने से ई-रिक्शा, मोबाइल, चार्जिंग के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है।
प्रधानमंत्री योजना से घर पक्का बन गया… घरेलू बिजली उपकरण भी लग गए, लेकिन बिजली न होने से उपकरण बेकार पड़े थे। अब विद्युतीकरण से गांव में बिजली पहुंचेगी पूरा गांव जगमग होगा। गांव के कुछ लोग सोलर लाइट से घरेलू उपकरण चला रहे थे जबकि मध्यम वर्ग के लोग दूसरे गांव से इमरजेंसी लाइट चार्ज करके लाते हैं।
अधीक्षण अभियंता राजकुमार त्रिपाठी के अनुसार सौभाग्य योजना तीसरे चरण में 356 मजरे में विद्युतीकरण किया जाएगा शासन से अनुमति मिल गई है। विद्युतीकरण पूरा होने के बाद निर्धारित बिजली आपूर्ति मिलेगी।