
मित्रों नमस्कार! सोशल मीडिया पर प्रचारित खबरों के अनुसार निदेशक तकनीकी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निर्देश पर Thermal vision camera खरीदा गया है। जिसका उपयोग विद्युत तंत्र में कहीं भी वितरण परिवर्तक पर Bushing अथवा Lugs के Loose Connections, बिजलीघर पर Power Transformers, VCB panels की CTs, Isolators इत्यादि पर कहीं भी Heating या Red Hot Spot को सेन्स किया जा सकता है और होने वाले किसी भी Breakdown से बचा जा सकता है। जिसके लिये कल निदेशक तकनीकी द्वारा, नगर निगम उपकेंद्र पर इसका प्रशिक्षण दिया गया तथा 10 तारीख तक वाराणसी नगर के सभी उपकेन्द्रों पर इसका उपयोग कर आख्या प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।
Thermographic camera का अविष्कार वर्ष 1929 में हंगरी में हुआ था तथा भारत में वर्ष 1976 से लेकर वर्ष 2006 के बीच 5 कम्पनियां Thermographic camera के उत्पादन में कार्यरत् हैं। निश्चित ही Thermal vision camera विद्युत उपकरणों एवं परिवर्तकों के रखरखाव हेतु एक अच्छा उपकरण है। परन्तु इसी के साथ-साथ एक कटु सत्य और जुड़ा हुआ है, कि जिस प्रकार से छोटे बच्चों की नाक बहती एवं लटकी हुई बहुत दूर से नंगी आंखों से दिखलाई देती रहती है। कुछ इसी प्रकार दिन की रोशनी में भी ट्रान्सफार्मरों के HT एवं LT Rods पर लगे ढीले Lugs एवं केबिल से उठती चिन्गारी एवं परिणामतः गर्म होकर केबिलों से निकलता हुआ धुआं देखा जा सकता है। सामान्यतः 33/11 के0वी0 विद्युत उपकेन्द्र से लेकर उपभोक्ता के घर/संस्थान तक विद्युत लाईन में पड़ने वाले जोड़ों पर कीचड़ की तरह अस्त व्यस्त जोड़ों से उठती चिन्गारियों को देखा जा सकता है।
विद्युत उपकेन्द्रों पर स्थापित विभिन्न उपकरणों पर Lugs के साथ-साथ Isolators के ठीक से न लग पाने के कारण, कमजोर विद्युत जोड़ों से उठती चिन्गारी एवं घ्वनि को आस-पास के शोर में भी सुना जा सकता है। परन्तु मजाल है कि किसी के पास ध्यान देने का समय भी हो। जिसका मूल कारण है कि या तो सम्बन्धित कार्मिकों के कन्धों पर खच्चर की तरह कार्य लदा हो अथवा विशेष आशीर्वाद प्राप्त कार्मिक हो, जिसे इन सब चीजों से कुछ भी लेना-देना न हो। कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि जिस विभाग में दिन में भी ढीले एवं चिन्गारी छोड़ते जोड़ों को देखकर नजर उस ओर न घूमती हो, वहां पर Thermal vision camera की खरीद अपव्यय अथवा अच्छा कमीशन पाने की चाहत से अधिक कुछ भी नहीं है।
बेबाक का स्पष्ट रुप से यह मानना है कि जब तक कि कार्य की मात्रा एवं कामगारों के उचित अनुपात के साथ-साथ, योग्यता का सम्मान नहीं किया जायेगा। Thermal vision camera जैसे उपकरण, निजी कम्पनियों को कमीशन के बदले रोजगार प्रदान करने के अतिरिक्त कुछ भी नहीं हैं। प्रथम दृष्टया यह सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है, कि विद्युत प्रणाली में नंगी आंखों से दिखलाई देने वाले विधुत दोष शेष न हों। परन्तु दुर्भाग्य से नंगी आंखों से दिखाई देने वाले दोषों को नजरंदाज करना एवं समाधान हेतु वाह्य संस्थाओं को अनुबंधित करना अथवा सुझाये गये उपकरणों को महंगे दामों पर क्रय करना हमारी प्रवृत्ति बन चुकी है।जबकि तकनीकी कुशलता का आलम यह है कि कार्य का नाममात्र भी ज्ञान, न तो कार्मिकों को है और न ही अभियन्ताओं को है। सबका ध्यान कार्य से ज्यादा, अतिरिक्त कमाई करने पर रहता है। इससे भी ज्यादा अचम्भित करने वाली बात यह है कि जिस मार्ग से अधिकारी एवं उच्च अधिकारी नित्य गुजरते हैं, उन पर इस प्रकार के दोष सामान्यतः दिखलाई दे जाते हैं। परन्तु उनकी ओर देखना भी शायद उनकी आन, बान एवं शान के खिलाफ होता है।
परिणामत: आये दिन परिवर्तक धू-धू करके जलते दिखलाई दे जाते हैं। यह जानकर आश्चर्य होगा कि सामान्यतः यदि किसी को परिवर्तक में आग लगाने के लिये माचिस और एक-आध लीटर Transformer Oil दे दिया जाये, तो वह परिवर्तक में आग नहीं लगा सकता। परिवर्तकों के धू-धू करके जलने का मूल कारण ”कमजोर विद्युत जोड़“ अर्थात Conductor के आधे अधूरे Cross Sectional Area का प्रयोग करना होता है। जिसके कारण परिवर्तक Overloaded न होने के बावजूद, उसके Conductor के Overloaded हो जाने के कारण, उत्पन्न उष्मा से, पूरे का पूरा परिवर्तक एवं केबिल धू-धू करके जलने लगते हैं। जिसका पूर्वानुमान पहले से ही लगाया जा सकता है। परन्तु तकनीकी योग्यता पर भारी व्यापारिक प्रतिस्पर्धा, अधिकांश अधिकारियों के विवेक को पहले ही हर चुकी है। उनमें न तो कोई तकनीकी ज्ञान बचा है और न ही कोई दूरदृष्टि।
यही कारण है कि माननीय मन्त्री जी के द्वारा अलोकतान्त्रिक तरीके से ट्रान्सफार्मर जलने पर अधिकारी के जलने की बात कहने पर भी, ट्रान्सफार्मर जलने की वास्तविक दर में कहीं कोई कमी परिलक्षित नहीं हो रही है। जिसका मूल कारण नियत और नीति, दोनों का एक समान रूप से निहित स्वार्थ से पूर्णतः ग्रसित होना है।वर्तमान परिवेश में जब हमारे समक्ष सामने नंगी आंखों से दिन में ही दिखलाई देत हुये, विद्युत दोषों को दूर करने का समय और ईच्छा शक्ति नहीं है, तो Thermal vision camera की उपयोगिता सिर्फ और सिर्फ अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति हेतु जनता के धन का अपव्यय के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। कुछ ही दिनों के बाद निश्चित ही ये उपकरण कहीं धूल खा रहे होंगे। राष्ट्रहित में समर्पित! जय हिन्द! बी0के0 शर्मा महासचिव PPEWA. M.No. 9868851027.