
एक तरफ मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निर्देशिका, आईएएस अधिकारी रिया केजरीवाल…तो दूसरी तरफ गोमती नगर जोन, लेसा के मुख्य अभियंता इंजीनियर सुशील गर्ग है… दोनों के बीच कंप्यूटर ऑपरेटर संबंधित आदेशों को लेकर तनातनी का माहौल चल रहा है… जिससे अधीनस्थ अधिकारी की परेशान है… वह यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वह किसका कहना माने…
बताते चले कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीनस्थ समस्त 19 जिलों में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्य कर रहे लगभग 300 से अधिक ऑपरेटर आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर इसलिए हो रहे हैं कि… मध्यांचल डिस्कॉम ने दिनांक 07.07.2024 के अनुपालन में एक निविदा संख्या जोकि 2024/बी/5080656/ऑपरेटर है.. के अनुपालन में अपने परिक्षेत्र के लिए दो वर्ष के लिए हिंदी एवं अंग्रेजी में टाइपिंग कार्य करने हेतु एमएस ऑफिस एवं इंटरनेट का ज्ञान रखने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर की आपूर्ति हेतु मेसर्स मूलचंद्र ओम साईं एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किया है… यह अनुबंध आगामी 2 वर्षों के लिए रु. चालीस करोड़ सत्तर लाख, एक हजार नौ सौ सात और आठ पैसा मात्र का किया है… खास बात यह है कि इस अनुबंध में कोई विस्तार लागू नहीं होगा। हालाँकि, मध्यांचल डिस्कॉम बिना कोई कारण बताए 30 दिन का नोटिस देकर अनुबंध समाप्त कर सकता है। आशय पत्र के अनुसार कार्य प्रारंभ की तिथि 01.04.2025 है….

इस आशय पत्र के अनुसार सभी कम्प्यूटर ऑपरेटरों की योग्यता न्यूनतम स्नातक होगी, हिन्दी में न्यूनतम टाइपिंग 30 शब्द प्रति मिनट तथा अंग्रेजी में न्यूनतम 35 शब्द प्रति मिनट होगी, प्रमाण-पत्र (ईपीएफ स्लिप आदि) संबंधित फर्म द्वारा प्रदान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल ने मध्यांचल डिस्कॉम अधीनस्थ क्षेत्र में कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या 1227 से घटा कर एलओआई की तिथि से प्रथम 3 माह के लिए 1000 व उसके उपरांत 900 कर दिया है…
अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन की इस फैसले से में काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर में हड़कंप मच गया… क्योंकि आशय पत्र (एलओआई) में अपनी ओर से कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या कर दी गई है… ऐसा क्यों और किसके सहमति पर किया गया यह समझ के परे है…
यदि हम बात आशय पत्र (एलओआई) में निर्धारित कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या की करते हैं… तो यह संख्या किस मानक के आधार पर आकलन किया गया…
आशय पत्र (एलओआई) में 10 जोन 40 कंप्यूटर ऑपरेटर…. यानी कि प्रत्येक जोन में 4, 29 सर्किल में 87 कंप्यूटर ऑपरेटर यानी कि प्रत्येक सर्किल में 3 कंप्यूटर ऑपरेटर, 105 डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन में 315 कंप्यूटर…. यानी की प्रत्येक डिसटीब्यूशन डिविजन में 1 कंप्यूटर ऑपरेटर ऑपरेटर, 315 डिस्ट्रीब्यूशन सब डिवीजन में 315 कंप्यूटर ऑपरेटर…. यानी कि प्रत्येक डिस्ट्रीब्यूशन सबडिवीजन में 1 कंप्यूटर ऑपरेटर, 30 टेस्ट डिवीजन में 30 कंप्यूटर ऑपरेटर….यानी कि प्रत्येक टेस्ट डिविजन में 1 कंप्यूटर ऑपरेटर, 105 टेस्ट सबडिवीजन में 105 कंप्यूटर ऑपरेटर…. प्रतयेक टेस्ट सब डिविजन में 1 कंप्यूटर ऑपरेटर निर्धारण के अनुसार 892 कंप्यूटर ऑपरेटर होंगे…. इन सबके बीच खासियत यह होगी कि जहां-जहां पर 2019 के बाद कार्यालय सहायक जिनकी संख्या 229 है, तो कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या 892 से घटा दी जाएगी…
इसके अतिरिक्त भंडार मंडल एवं कार्यशाला मंडल में 72, कार्य मंडल (सेकेंडरी वर्कशॉप) में 11 कंप्यूटर ऑपरेटर, जानपद (सिविल) क्षेत्र में पांच कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ-साथ DY CAO में 12 कंप्यूटर ऑपरेटर, एंटीथीप थाना में 38 कंप्यूटर ऑपरेटर व महान मध्यांचल डिस्कॉम में 110 कंप्यूटर ऑपरेटर रखने का आदेश दिया है…. इसके अतिरिक्त विद्युत परीक्षण खंड बदायूं, बाराबंकी, बरेली रूलर, अयोध्या, सुलतानपुर, उन्नाव व अकबरपुर में एक-एक अतिरिक्त कंप्यूटर ऑपरेटर रखने का प्रावधान किया है…
उक्त आवंटन से वैसे भी सभी अधिकारी परेशान है, चाहे वह मध्यांचल डिस्कॉम के किसी खण्ड (अनुबन्धित आशय पत्र के पेज संख्या 8 के अनुसार) के अधिकारी… आने वाले समय को लेकर चिंतित ही नहीं भयभीत भी है।
एक समय यह भी था, जब यह कहा जाता था कि इंसान जब घर से बाहर निकलता है कि तो वह ईश्वर से सिर्फ इतना प्रार्थना करता था कि आज सही सलामत हम घर को वापस आ जाए यानी कि मौत का कोई भरोसा नहीं होता था…. लेकिन आज का समय यह है कि बिजली निगम के इंजीनियरो को अपनी नौकरी पर भरोसा नहीं है कि कब नौकरी रहेगी और कब चली जाएगी… वेतन मिलेगा भी कि नहीं मिलेगा… नौकरी रहेगी भी कि चली जाएगी… आज के पहले कभी भी इतना डर बिजली निगम के अधिकारियों के बीच कभी नहीं देखा गया… हर वक्त निस्वार्थ भाव से अपने परिवार को छोड़कर हर मौसम में प्रदेश के उपभोक्ताओं को निर्वाध रूप से बिजली मिलती रहे इसका प्रयास हमेशा करता था… लेकिन आज का माहौल अस्थाई एवं फर्जी तरीके से बिजली निगमों में बैठे इन आईएएस अधिकारीयों ने अपने-अपने मन माने तरीको से किये गये फैसलों को लेकर कार्यालय ज्ञाप जारी कर विद्युत निगमों को इस कदर से नुकसान पहुंचायां है कि आने वाले कई पुश्ते इसका हर्जाना नहीं भर पायेगी। अब तो ऐसा प्रतीत होने लगा है कि बिजली निगमों के हर महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर कुछ चुनिंदा बिजनेसमैन एवं बिजली निगमों से संबंधित फैसला करने में सक्षम नेताओं/अधिकारियों के साथ पार्टनरशिप हो चुकी है, जिसके कारण बिजनेसमैन की इशारे पर उठक बैठक कर रही है। खैर इस विषय में हम आने वाले समय में चर्चा करेंगे… अभी चर्चा कर रहे थे मध्यांचल डिस्कॉम द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर पद संबंधित आवंटित फैसलों के बारे में…
गत 21 अप्रैल 2025 की तिथि में एलओआई (आशय पत्र) जारी होने के बाद पूर्व तिथि यानी कि 1 अप्रैल 2025 से आनन फानन लागू कर दिया गया… उक्त एलओआई (आशय पत्र) लागू करने पहले जरा सा यह नहीं सोचा गया कि जो आपरेटर 24 तारीख तक काम कर चुके हैं, उनका क्या होगा?
इस एलओआई (आशय पत्र) को जारी होने के उपरांत संपूर्ण मध्यांचल डिस्कॉम से लगभग 300 सबसे अधिक कंप्यूटर ऑपरेटर प्रभावित होंग जिनके ऊपर पारिवारिक जिम्मेदारियां… बच्चों की पढ़ाई लिखाई…. खास तौर पर बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करने की जिम्मेदारी थी…. लेकिन इन सभी से मध्यांचल डिस्कॉम को कोई लेना-देना नहीं है…. इस स्थान पर हमारा मानना है कि हमारे परिवार का मुखिया अगर हमारे परिवार का न होकर कोई बाहरी हो, तो परिवार के हित के बारे में कभी भी नहीं सोच सकता… बल्कि हमेशा अपने फायदे के विषय में सोचेगा… काश हमारा डिस्कॉम का मुखिया भी आर्टिकल आफ मेमोरेंडम के अनुसार कोई इंजीनियर होता… तो परिवार का दुख दर्द अच्छी तरह समझता… और आज अस तरह का हालात का सामना नहीं करता।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निर्देशिका, आईएएस अधिकारी रिया केजरीवाल ने कंप्यूटर ऑपरेटर संबंधित एलओआई (आशय पत्र) जारी कर सभी स्तर पर चाहे वह जोन हो, सर्किल, डिविजन, सबडिवीजन…. आदि अपने मानसा के अनुरूप कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या निर्धारित कर दी… साथ ही यह साफ कर दिया कि यदि 2019 के बाद अगर वहां पर बाबू है तो उसकी संख्या उक्ते कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या से घटा दी जाएगी…
यहां पर मध्यांचल डिस्कॉम के प्रबंध निर्देशिका रिया केजरीवाल से यह जानना चाहूंगा कि आपके द्वारा निर्धारित की गई संख्या के अनुसार जिस-जिस कंप्यूटर ऑपरेटर को फाइनल/चयनित किया गया है. क्या वह आपरेटर अमृत पिए है कि भविष्य में कभी वह बीमार नहीं पड़ेंगे… कभी उनके घर कोई होनी/अनहोनी नहीं होगी… कभी उनके घर शादी ब्याह नहीं पड़ेगा… यदि ऑपरेटर शादीशुदा है तो… अपने परिवार को खुशखबरी नहीं देगी अथवा कुछ समस्याओं को लेकर बीमार नहीं होगी…. यानी कि चयनित ऑपरेटर एक रोबोट की तरह निर्धारित समय पर कार्यालय आएगा अथवा आएगी… फेस स्कैनर के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराकर जो सीट पर बैठेगी… और बिना रुके पूर्व में दी गई कई ऑपरेटर की जिम्मेदारीयों का निर्वहन वह खुद करेंगी साथ ही साथ आपके द्वारा (मध्यांचल डिस्कॉम/मुख्य अभियंता कार्यालय व अन्य) मांगी गई सूचनाओं को पलभर में जादू की तरह उपलब्ध कराएगी…. खैर आदेश तो आदेश है साथ में कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या का निर्धारण भी है… मरता क्या नहीं करता…. इसलिए पालन हर स्तर पर किया जा रहा है…
अब महत्वपूर्ण बात यह है कि मध्यांचल डिस्कॉम द्वारा आवंटित संख्या में भी सेंध मार रहे हैं हमारे मुख्य अभियंता गोमती नगर जोन के इंजीनियर सुशील गर्ग…. यूपीपीसीएल मीडिया के हाथ लगा एक पत्र की माने तो, गोमती नगर/इंदिरा नगर सर्किल को आवंटन 12 कंप्यूटर ऑपरेटरो में भी कटौती करते हुए 10 कंप्यूटर ऑपरेटरो को उपलब्ध कराने के लिए संबंधित फर्म मेसर्स मूलचंद ओम साई इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर मूलचंद को एक पत्र भेजा… जबकि इसके पूर्व मध्यांचल डिस्कॉम को मुख्य अभियंता सुशील गर्ग ने इसकी सूची मध्यांचल डिस्कॉम को उपलब्ध करा दी थी… लेकिन कुछ ही समय बाद उस सूची को निरस्त कर नई सूची उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें गोमती नगर/इंदिरा नगर सर्किल को 12 कंप्यूटर ऑपरेटर की बजाय 10 कंप्यूटर ऑपरेटर उपलब्ध कराने का जिक्र किया गया।
इसके उपरांत संबंधित अधिकारी के साथ-साथ मैनपॉवर उपलब्ध कराने वाले फर्म के प्रोपराइटर कंफ्यूज होने के साथ-साथ इस पेशोपश में है कि वह किसका कहना माने… उनके लिए तो एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई है।
देखना अब यह है कि इस महाभारत की लड़ाई में किसकी जीत होती है और किसकी हार… बने रहिए यूपीपीसीएल मीडिया के साथ