📢 उपभोक्ता सेवा केंद्र आवंटन में घपला? आदेश के विरुद्ध संविदाकर्मी को सीएससी देने का आरोप…
प्रबन्ध निदेशक के आदेश की खुलेआम उड़ रही धज्जियां
लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु संचालित सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। दिनांक 24 मई 2025 को जारी हुए स्पष्ट निर्देशों के बावजूद लखनऊ के सेक्टर-14 ओल्ड पावर हाउस एवं मुंशीपुलिया डिवीजन में विभागीय अधिकारियों द्वारा एक ऐसे संविदा कर्मी को सीएससी संचालन की अनुमति दे दी गई, जो स्वयं पूर्व में उपखण्ड अधिकारी का ऑपरेटर रह चुका है।
🔴 चहेते संविदाकर्मी को फायदा, पुराने संचालक को हटाया गया
वर्षों से नियमपूर्वक कार्यरत युवक आदित्य प्रताप सिंह, जो आईडी 31166740014 के माध्यम से उपभोक्ता सेवा केंद्र चला रहे थे, को बिना नोटिस एवं बिना कारण 17 जून 2025 को सेवा से बाहर कर दिया गया। इसके स्थान पर तत्कालीन एसडीओ के चहेते संविदाकर्मी अमन को काउंटर आवंटित कर दिया गया, जो कि शासन के दिशा-निर्देशों के प्रतिकूल है।
❗ क्या संविदा कर्मचारी सीएससी चला सकते हैं?
MVVNL के आदेश (पत्र संख्या 1527) के अंतिम अनुच्छेद में यह स्पष्ट उल्लेख है कि:
“किसी भी कैश काउंटर पर सीएससी अथवा फिनटेक एजेंसी को डिस्कॉम स्तर से स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् ही हटाया या परिवर्तित किया जायेगा।”
फिर किस आदेश के तहत पुराने संचालक को बिना सूचना हटाया गया?
किसी भी कैश काउंटर को हटाने या स्थानांतरित करने का कार्य, केवल डिस्कॉम स्तर पर स्वीकृति के बाद ही संभव है। यदि सम्बन्धित अधिकारीयों के पास ऐसा कोई आदेश है, तो तत्काल सार्वजनिक करे, ताकि हमारी बोलती बन्द हो सके।

⚡ सीएससी कोड का गलत उपयोग?
यह भी खुलासा हुआ है कि पुराने संचालक की सीएससी आईडी को बिना उनके उपयोग के ही दूसरे व्यक्ति द्वारा ऑपरेट किया गया। क्या यह साइबर फ्रॉड या आईडी मिसयूज नहीं है?
🤬 गाली-गलौज और दबंगई की हद
सूत्रों के अनुसार, जब आदित्य प्रताप सिंह ने पूर्व स्वीकृति के आधार पर पुनः काउंटर संचालन शुरू किया, तो अवर अभियंता आशीष कुमार मौके पर पहुंचे और उन्हें मां-बहन की गालियाँ देते हुए धमका कर हटा दिया। यह वही अभियंता हैं जिन पर संविदा कर्मी रामू की संदिग्ध मृत्यु में गंभीर आरोप हैं। फिर भी, गोमती नगर जोन के मुख्य अभियंता सुशील गर्ग के संरक्षण में उन्हें खुली छूट मिली हुई है।
🟥 यह तीन स्तर पर नियमों का उल्लंघन है:
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मौजूदा संचालक को हटाना, जबकि आदेश कहता है कि जब तक संचालन में गड़बड़ी न हो, किसी को हटाया नहीं जा सकता।
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नए काउंटर का आवंटन किसी संविदा कर्मचारी (अमन) को देना, जो स्वयं इस कार्य के लिए अधिकृत नहीं है।
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स्थानीय अधिकारियों द्वारा आदेश संख्या 1527 की अवहेलना करना।
⚠️ गंभीर अनियमितता का आरोप:
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आदित्य प्रताप सिंह, जिन्हें सेक्टर 14, ओल्ड पावर हाउस पर CSC संचालन की अनुमति दी गई थी, बिना किसी कारण उनका काउंटर हटा दिया गया।
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कथित रूप से विभाग के एक संविदा कर्मचारी “अमन” को, जो पूर्व उपखंड अधिकारी का ऑपरेटर था, सीधा काउंटर आवंटन दे दिया गया — जो कि पूरी तरह से नियम विरुद्ध है।
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सीएससी आईडी 31166740014 के तहत आदित्य प्रताप सिंह सेवा दे रहे थे, परन्तु दिनांक 17 जून 2025 को अचानक सेवा बंद कर दी गई।
🔴 CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) / फिनटेक एजेंसियों के कैश काउंटर संचालन से जुड़ी व्यवस्था:
🔹 पहले से संचालित CSC/फिनटेक एजेंसी के कैश काउंटर को हटाकर नए काउंटर स्थापित करना अनुचित है, जब तक कि डिवीजनल स्तर पर स्वीकृत सूची के अनुसार न हो।
🔹 स्थानीय अधिकारियों को यह अधिकार नहीं है कि वे किसी का कैश काउंटर हटाकर मनमाने ढंग से किसी और को दे दें।
🔹 जिस CSC या फिनटेक एजेंसी को संचालन की अनुमति दी गई है, उसे 15 दिन के भीतर संचालन शुरू करना होगा, वरना उसे निरस्त माना जाएगा।
🔹 किसी भी कैश काउंटर को हटाने या स्थानांतरित करने का कार्य, केवल डिस्कॉम स्तर पर स्वीकृति के बाद ही संभव है।
😡 अधिकारियों की चुप्पी: किसे बचाया जा रहा है?
सवाल यह है कि जब यह सब स्पष्ट रूप से आदेशों के खिलाफ है, तो इन्दिरा नगर डिवीजन की अधीक्षण अभियंता श्रीमती प्रेमलता सिंह इस पर कार्रवाई करने से क्यों बच रही हैं? क्या वह किसी दबाव में हैं?
📢 UPPCL मीडिया की मांग
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संबंधित स्थानीय अधिकारियों पर अनुशासनात्मक जांच।
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अमन नामक संविदाकर्मी को काउंटर संचालन से तत्काल हटाना।
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आदित्य प्रताप सिंह के काउंटर की पुनः बहाली — यदि उन्होंने आदेशों के अनुसार संचालन किया था।
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पूरे मामले की वाणिज्य निदेशक या मुख्य अभियंता स्तर पर स्वतंत्र जांच।
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आदित्य प्रताप सिंह ने वाणिज्य निदेशक, MVVNL से पुनर्स्थापन की मांग करते हुए स्पष्ट रूप से बताया है कि वह नियमानुसार आवेदन कर वैध रूप से कार्यरत थे। बिना किसी त्रुटि के हटाया जाना न केवल प्रशासनिक लापरवाही है, बल्कि एक बेरोजगार युवक के जीवन से क्रूर मज़ाक भी है।








