
हापुड़। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने नलकूप के ट्रांसफार्मर से शहरी क्षेत्र की एक कॉलोनी को बिजली दे दी। घरों तक सप्लाई पहुंचाने के लिए द्य आरडीएसएस योजना में अमर उजाला एक्सक्लूसिव आवंटित खंभों को लगा दिया। कॉलोनी में 20 से अधिक खंभों की लाइन बनाई गई है। इसके एस्टीमेट में भी गड़बड़ी की आशंका है। हालांकि मामला खुलने पर उर्जा निगम के अधिकारियों ने जांच बैठा दी है।
दरअसल, नलकूप और आवासीय क्षेत्रों के फीडर अलग किए गए हैं, जिस पर करोड़ों का बजट खर्च हुआ है। ऐसे फीडरों से शहरी या देहात के आवासीय सप्लाई नहीं दी जा सकती है। लेकिन ऊर्जा बनाई गई है। इसी से नलकूप की ओवरहेड लाइन भी निगम के अधिकारियों ने खुद ही योजना को पलीता जोड़ी गई हैं। कॉलोनी के अंतिम छोर तक नियमों को लगा दिया। जरौठी रोड पर नलकूप के लिए आवंटित 25 केवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर से करीब 20 खंभों की नई लाइन खींच दी गई है। मजे की बात यह है कि इस लाइन में किसी नियम का पालन नहीं किया गया। पुराने खंभों से लेकर आरडीएसएस (पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र सुधार योजना) में आवंटित खंभे, पीवीवीएनएल के खंभे, इंसुलेटिड वायर की लाइन क्षेत्रों को ताक पर रखकर लाइन बनाई गई है। इसी से डालको की ओवर हैडलाइन भी जोड़ी गई है। कॉलोनी के अंतिम छोर तक नियमों को ताक पर रख कर लाइन बनाई गई है. कुछ व्यावसायिक गोदामों को भी इसी ट्रांसफार्मर से कनेक्शन दिया गया है।
जमीन से कुछ ही ऊपर झूल रहे तार :
विजय विहार कॉलोनी तक लाइन पहुंचाने के लिए जहां खंभे लगाए, वहां लोगों ने विरोध कर दिया। ऐसे में कई स्थानों पर एक से दूसरे खंभे के बीच की 100 मीटर से अधिक है। लाइन जमीन से कुछ ही ऊपर झूल रही है। यहाँ हादसे का खतरा है, साथ ही ट्रांसफार्मर पर भी ओवरलोडिंग की समस्या होगी।
सरकारी योजना में जमकर हो रहा फर्जीवाड़ाः
200 करोड़ से अधिक की आरडीएसएस योजना जिले में लागू है। इस योजना में जमकर फर्जीवाड़ा योजना में आवंटित संसाधनों की बंदर बांट हो रही है। बाबूगढ़ क्षेत्र की एक रहा है, जबकि निगम ने निगरानी के लिए थर्ड पार्टी नामित की है। फिर भी कॉलोनी में भी आरडीएसएस के खंभे लगे मिले थे।
सरकारी योजना में जमकर हो रहा फर्जीवाड़ाः
200 करोड़ से अधिक की आरडीएसएस योजना जिले में लागू है। इस योजना में जमकर फर्जीवाड़ा योजना में आवंटित संसाधनों की बंदर बांट हो रही है। बाबूगढ़ क्षेत्र की एक रहा है, जबकि निगम ने निगरानी के लिए थर्ड पार्टी नामित की है। फिर भी कॉलोनी में भी आरडीएसएस के खंभे लगे मिले थे।
इस संदर्भ में अधीक्षण अभियंता अवनीश कुमार का कहना है कि नलकूप के ट्रांसफार्मर से किसी भी कॉलोनी का ऊर्जीकरण नहीं किया जा सकता। इस तरह लाइन बनाए जाने का मामला भी गंभीर है। खुद मौके पर जाकर इसकी जांच करूंगा, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जिस उपखण्ड अधिकारी को बचाने के लिए नौकरी गवाई, उसी ने कराई एफ0आई0आर0 दर्ज
हापुड़ के उपखण्ड अधिकारी-2 उमाकांत के ऑपरेटर रईस अहमद उपखण्ड अधिकारी के कहने पर ही हर कनेक्शन पर रिश्वत लेते थे और रिश्वत ना मिलने पर क्वेरी लगाते थे। जब ऐसी ही प्रकरण में वीडियो वायरल हुई, तो खुद को बचाने के लिए ऑपरेटर को बलि का बकरा बनाते हुए बर्खास्त कर दिया गया। ऑपरेटर ने भी नौकरी जाने के बावजूद उपखण्ड अधिकारी का नाम नहीं लिया, क्योंकि भरोसा था कि उपखण्ड अधिकारी महोदय दो-तीन महीने बाद ऑपरेटर को वापस काम पर बुला लिया जाएगा, लेकिन बदलते हालात को देखते हुए अपनी गर्दन फस्ती देख उपखण्ड अधिकारी उमाकांत ने ऑपरेटर रईस अहमद की एफ0आई0आर0 भी दर्ज कर दी।
एफ0आई0आर0 दर्ज होने के उपरान्त ऑपरेटर रईस अहमद के घर दबिश भी हुई। अब सभी का घ्यान अधीक्षण अभियन्ता- हापुड़, अधिशासी अभियन्ता – टेस्ट और अधिशासी अभियन्ता- पिलखुआ से लेकर बनाई गई जाँच समिति पर है, लेकिन स्थानीय अधिकारी होने के कारण इस मामले मे निष्पक्ष जाँच की कोई उम्मीद नहीं है।