
सरकारी कर्मचारियों को भलेही शादी में बिन मांगे दहेज मिल जाता हो, लेकिन अब कर्मचारी को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि उन्होंने शादी में कोई दहेज नहीं लिया है। शासन से भेजे गए पत्र को सभी सरकारी कार्यालयों को भेज दिया गया है। दहेज प्रतिषेध अधिनियम 2004 का हवाला देते हुए सरकारी कर्मचारियों को समय पर प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहा गया है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के उपसचिव हिमांशु वार्ष्णेय ने सभी विभागाध्यक्षों को संबोधित पत्र लिखा है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दहेज को लेकर अभियान छेड़ दिया है. इसके तहत अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को अब यह घोषणा करनी होगी कि उन्होंने अपनी शादी में दहेज लिया है या नहीं। ये आदेश खासकर 31 अप्रैल 2004 के बाद शादी करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा और उन्हें इसका शपथ पत्र देना होगा. राज्य सरकार के आदेश के तहत शपथ पत्र न देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
शासन के पत्र संख्या-244/60-3-2024-आर-1103/2021 दिनांक 22.02.2024 की प्रतियां संलग्न करते हुए उ०प्र० दहेज प्रतिषेध नियमावली, 2004 प्रथम संशोधन नियमावली के नियम-5 के अन्तर्गत प्राविधानित है कि “प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के सम्बन्ध में यह उल्लेख करते हुये अपने नियुक्ति प्राधिकारी विभागाध्यक्ष को स्वहस्ताक्षरित एक घोषणा-पत्र प्रदान करेगा, कि उसने कोई दहेज नही लिया है।” के सम्बन्ध में दिनांक 31.03.2004 के बाद नियुक्त कार्मिकों से लिये गये घोषणा पत्रों की सूचना निदेशालय महिला कल्याण, जवाहर भवन, लखनऊ की E-Mail id-director mahilakalyan@gmail.com को प्रेषित किये जाने के सम्बन्ध में पत्र प्राप्त है।
शासन के निर्देश पर निदेशक महिला कल्याण ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को पत्र भेजकर सभी विभागों से शपथपत्र लेने का आदेश जारी किया है। शासन ने उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 व 2004 के प्रथम संशोधन के नियम पांच में यह व्यवस्था की गई है। इसके अंतर्गत प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के समय का उल्लेख करते हुए नियुक्त प्राधिकारी को स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्रदान करेगा कि उसने अपने विवाह में कोई दहेज नहीं लिया है। यदि लिया है तो उसका भी उल्लेख करना होगा। सरकार की इस घोषणा से सरकारी कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। सरकारी विभागों के कर्मचारियों पर आए दिन दर्ज होने वाले दहेज उत्पीड़न के मामलों को लेकर प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है तो जानकार बताते हैं कि दहेज की विभीषिका के खिलाफ योगी सरकार का यह कठोर कदम है। हालांकि विभिन्न कर्मचारी संगठनों में इसके विरोध को लेकर सुगबुगाहट होने लगी है, फिर भी कई कर्मचारी निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ पत्र बनवाने में लगे हैं।