कौशाम्बी। जनपद में विद्युत अधिकारियों ने ठेकेदारों को लाभ देने के उद्देश्य से प्रस्तावित राम वन गमन मार्ग में विद्युत शिफ्टिंग के नाम पर करोड़ों का खेल किया है। मामले की शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच हुई तो विद्युत अधिकारियों के भ्रष्ट कारनामे का खुलासा होगा और कई अधिकारी दण्डित होंगे। मंझनपुर नगर कोतवाली इलाके के कादीपुर के पास प्रस्तावित रामवन गमन मार्ग पर कादीपुर से नियामतपुर तक सड़क की पटरी पर खम्भा खड़ा कर विद्युतीकरण कराया गया था। प्रस्तावित रामवन गमन मार्ग के सड़क की पटरी पर नियम विरुद्ध तरीके से विद्युतीकरण कराया गया जबकि प्रस्तावित सड़क पर विद्युतीकरण कराकर सरकारी धन खर्च नहीं किया जा सकता लेकिन विभाग सब कुछ जानता रहा और ठेकेदार को लाभ देने के उद्देश्य से प्रस्तावित रामवन गमन मार्ग में बिजली का खम्भा खड़ा कर ठेकेदार को भुगतान कर दिया।
प्रस्तावित रामवन गमन के किनारे कराए गए विद्युतीकरण में विद्युत सप्लाई शुरू होने से पहले रामवन गमन मार्ग चौड़ीकरण के लिए पटरियां उखड़ने लगी जिससे बिजली विभाग द्वारा खड़े किए गए खम्भे उखाड़ना स्वाभाविक है और खम्भे लगाने में जो भुगतान किया गया वह ठेकेदार को सीधा लाभ हो गया। सड़क बनने के बाद फिर विद्युत खम्भा विभाग को खड़ा करना पड़ेगा जिससे फिर सरकारी धन बर्बाद होगा।
विद्युत सप्लाई शुरु होने से पहले अब खम्भों के सरकारी लाभ देने के लिए नियम विरुद्ध योजना तरीके से लाभ देने के आड़ में 40 प्रतिशत की हिस्सेदार है यह बड़ी जांच का विषय है। आखिर गया। ठेकेदार को दोहरा लाभ देने के लिए अफसरों सिष्टिंग के नाम पर सरकारी खजाना लुटा दिया। गज गिरना तय है।
शिफ्टिंग का टेंडर करा दिया। विभागीय अफसर अपने चाहते ठेकेदारों को बना रहे हैं। चर्चाओं पर जाएं तो चहेते ठेकेदारों को सरकारी योजना का गलत कमीशन खोरी की विभाग में चर्चा बनी हुई है। इस कमीशन खोरी में कौन-कौन प्रस्तावित रामवन गमन मार्ग में चौड़ीकरण से पहले क्यों विद्युतीकरण कराया ने खेला किया है। पहले विद्युतीकरण के लिए भुगतान कर दिया अब यदि संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हुई तो कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।