कौंधियारा में बिजली विभाग की लापरवाहीः200 मीटर लंबे तार और लकड़ी के खंभों से घरों तक पहुंच रही बिजली के खंभों से घरों तक पहुंच रही बिजली
प्रयागराज। कौंधियारा पावर हाउस के अंतर्गत कौंधियारा गांव से पाल बस्ती तक की बिजली व्यवस्था जर्जर स्थिति में है। यहां विद्युत विभाग ने 10 केवीए का ट्रांसफार्मर तो लगाया है, लेकिन एलटी लाइन नहीं बिछाई है।
ग्रामीणों को मजबूरन ट्रांसफार्मर से करीब 200 मीटर तक लकड़ी की बल्लियों के सहारे तार खींचकर बिजली का उपयोग करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी रामकुमार, रमेश, दुर्गेश शुक्ला और नवनीत ने बताया कि आए दिन तार टूटने की घटनाएं होती हैं। कई बार टूटे तार पशुओं पर भी गिर चुके हैं।
विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि कौंधियारा पावर हाउस में पिछले दो महीनों से जूनियर इंजीनियर तक नहीं आए हैं। ग्रामीण फोन पर शिकायत करते हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं होता। एक ही ट्रांसफार्मर से दर्जनों घरों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
बारिश के मौसम में स्थिति और भी खराब हो जाती है। लकड़ी के खंभों पर बिजली उतरने से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। तार टूटने पर कई दिनों तक गांव में अंधेरा छाया रहता है। बार-बार शिकायत के बावजूद न तो बिजली कर्मचारी आते हैं और न ही कोई स्थायी समाधान किया जाता है।कौंधियारा पावर हाउस के अंतर्गत कौंधियारा गांव से पाल बस्ती तक की बिजली व्यवस्था जर्जर स्थिति में है। यहां विद्युत विभाग ने 10 केवीए का ट्रांसफार्मर तो लगाया है, लेकिन एलटी लाइन नहीं बिछाई है।
ग्रामीणों को मजबूरन ट्रांसफार्मर से करीब 200 मीटर तक लकड़ी की बल्लियों के सहारे तार खींचकर बिजली का उपयोग करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी रामकुमार, रमेश, दुर्गेश शुक्ला और नवनीत ने बताया कि आए दिन तार टूटने की घटनाएं होती हैं। कई बार टूटे तार पशुओं पर भी गिर चुके हैं।
विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि कौंधियारा पावर हाउस में पिछले दो महीनों से जूनियर इंजीनियर तक नहीं आए हैं। ग्रामीण फोन पर शिकायत करते हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं होता। एक ही ट्रांसफार्मर से दर्जनों घरों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
बारिश के मौसम में स्थिति और भी खराब हो जाती है। लकड़ी के खंभों पर बिजली उतरने से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। तार टूटने पर कई दिनों तक गांव में अंधेरा छाया रहता है। बार-बार शिकायत के बावजूद न तो बिजली कर्मचारी आते हैं और न ही कोई स्थायी समाधान किया जाता है।कौंधियारा पावर हाउस के अंतर्गत कौंधियारा गांव से पाल बस्ती तक की बिजली व्यवस्था जर्जर स्थिति में है। यहां विद्युत विभाग ने 10 केवीए का ट्रांसफार्मर तो लगाया है, लेकिन एलटी लाइन नहीं बिछाई है।
ग्रामीणों को मजबूरन ट्रांसफार्मर से करीब 200 मीटर तक लकड़ी की बल्लियों के सहारे तार खींचकर बिजली का उपयोग करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी रामकुमार, रमेश, दुर्गेश शुक्ला और नवनीत ने बताया कि आए दिन तार टूटने की घटनाएं होती हैं। कई बार टूटे तार पशुओं पर भी गिर चुके हैं।
विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि कौंधियारा पावर हाउस में पिछले दो महीनों से जूनियर इंजीनियर तक नहीं आए हैं। ग्रामीण फोन पर शिकायत करते हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं होता। एक ही ट्रांसफार्मर से दर्जनों घरों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
बारिश के मौसम में स्थिति और भी खराब हो जाती है। लकड़ी के खंभों पर बिजली उतरने से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। तार टूटने पर कई दिनों तक गांव में अंधेरा छाया रहता है। बार-बार शिकायत के बावजूद न तो बिजली कर्मचारी आते हैं और न ही कोई स्थायी समाधान किया जाता है।