जन्माष्टमी पर कनेक्शन कटवाने सम्बन्धित प्रकरण की गूज मुख्यमंत्री योगी, ऊर्जा मंत्री व पीवीवीएनएल प्रबन्ध निदेशक तक

गाजियाबाद। जन्माष्टमी के मौके पर बिजली के कनेक्शन कटवाने सम्बन्धित प्रकरण की गूज मुख्यमंत्री योगी, ऊर्जा मंत्री व पीवीवीएनएल प्रबन्ध निदेशक तक पहुंच गयी है। वहीं दूसरी ओर संविदा के जिन कर्मचारियों को जन्माष्टमी जैसे पर्व पर बिजली के कनेक्शन काटने के काम पर लगाया था, उनमें भी नाराजगी है। मामला गाजियाबाद से जुड़ा है। दरअसल उनकी नाराजगी की वजह पर्व के मौके पर बिजली कनेक्शन काटने के लिए भेजना है। नाम न छापे जाने की शर्त पर उन्होंने बताया कि पर्व का मौके पर बिजली काटे जाने को लेकर पहले भी संविदा कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटनाएं हो चुकी है। इसके बाद भी अधिशासी अभियन्ता अथवा उपखण्ड अधिकारी उन्हें इस कार्य के लिए भेजते हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपाइयों ने भी इसको लेकर सख्त लहजे में नाराजगी जतायी है।

सवाल यह कि लाखों रूपया खर्च करके किसी कार्यक्रम का आयोजन होता है, तो कुछ नाम मात्र का हजार रूपया खर्च करके विधुत कन्नेशन नहीं करवा पाते है। विधुत कन्नेशन न लेकर आयोजक उपस्थित भक्तजनों की जान खतरे में डालते है… क्योकि विधुत कन्नेशन भक्तजनों की सुरक्षा की गारन्टी होती है, वह लिए विधुत कन्नेशन के पूर्व आयोजकों को कई मानक प्रकिया से गुजरना होता है। यदि ऐसे प्रकरण से सरकार को कोई दिक्कत महसूस होती है, तो विधुत चोरी को ही लीगल करा दे अथवा ऐसा बिल पास कर दे कि किसी भी धार्मिक आयोजन पर निःशुल्क विधुत कन्नेशन दिये जायेगें।

ऐसा ही ऐसा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी में भी घटित हुई कि, जहां जोन के लगभग सभी वरिष्ठ अधिकारीयों के देख रेख में राम कथा के आयोजन कटिया से हो रही थी। पूरे पण्डाल में अव्यवस्थित तरीके से विघुत तारों का जंजाल फैला हुआ था। उपरोक्त कटिया चोरी का खुलासा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर संचालित भारत सरकार से पंजीकृत बैनर यूपीपीसीएल मीडिया ग्रुप में किया था। उपरोक्त चोरी प्रकरण में सम्पूर्ण पावर कारपोरेशन की जमकर किरकिरी हुई। आनन फानन में पावर कारपोरेशन ने चोरी कराने वाले उपरोक्त अधिकारीयों के ऊपर कारवाई न कराकर उल्टा खबर चलाने वाले को ही फर्जी करार देने में लग गये। यदि कुछ समय हम मान ले कि हम फर्जी है, तो क्या उपरोक्त बिजली चोरी भी फर्जी थी। कुछ माह पूर्व ही महानगर, लखनऊ क्षेत्र में ही इसी तरह के एक प्रकरण में अधिशासी अभियन्ता के ऊपर कारवाई करने के साथ-साथ अवर अभियन्ता व उपखण्ड अधिकारी को अध्यक्ष -पावर कारपोरेशन ने निलम्बित कर दिया था.. सम्पूर्ण मामला प्रमुख अखबारों की सुर्खिया बनी थी, यह सब इसलिए कि प्रकरण एक मध्यवर्गीय परिवार से जुड़ी लड़की की शादी की थी, लेकिन राम कथा पर ऐसे किसी कारवाई की बात तो छोड़ दीजिए.. उपरोक्त मामले में स्पष्टीकरण भी लेना ऊचित नहीं समझा। खबर चलाने वाले बैनर को फर्जी करार देने की हर मुनकिन कोशिश करने की करने के साथ-साथ खबर चलाने वाले पत्रकार के खिलाफ एफ आई आर कराने के लिए तहरीरो की लाइन लग गई, स्थानीय सभासद, भाजपाई नेताओं व बिजली विभाग के अवर अभियन्ता/उपखण्ड अधिकारी के साथ-साथ एक संबिदा कर्मी भी शामिल रहे, भला हो एक उच्च अधिकारी की, जिसके संज्ञान में पूरा खेल नजर आ गया और कोई फर्जी मामला दर्ज न हो सका, वरना पावर कारपोरेशन ने कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी…. यहां तक किसी भी प्रमुख समाचार पत्र में दो लाइन नहीं छपी, क्योंकि यह लड़की की शादी का मामला न होकर चोरी की बिजली से आयोजित रामकथा का प्रकरण था।

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    सर्वप्रथम आप का यूपीपीसीएल मीडिया में स्वागत है.... बहुत बार बिजली उपभोक्ताओं को कई परेशानियां आती है. ऐसे में बार-बार बोलने एवं निवेदन करने के बाद भी उस समस्या का निराकरण नहीं किया जाता है, ऐसे स्थिति में हम बिजली विभाग की शिकायत कर सकते है. जैसे-बिजली बिल संबंधी शिकायत, नई कनेक्शन संबंधी शिकायत, कनेक्शन परिवर्तन संबंधी शिकायत या मीटर संबंधी शिकायत, आपको इलेक्ट्रिसिटी से सम्बंधित कोई भी परेशानी आ रही और उसका निराकरण बिजली विभाग नहीं कर रहा हो तब उसकी शिकायत आप कर सकते है. बिजली उपभोक्ताओं को अगर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई, बिल या इससे संबंधित किसी भी तरह की समस्या आती है और आवेदन करने के बाद भी निराकरण नहीं किया जाता है या सर्विस खराब है तब आप उसकी शिकायत कर सकते है. इसके लिए आपको हमारे हेल्पलाइन नंबर 8400041490 पर आपको शिकायत करने की सुविधा दी गई है.... जय हिन्द! जय भारत!!

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