शिक्षकों की कमी पर UGC ने दिया अल्टीमेटम, पत्र लिख कहा- 10 नवंबर तक शुरू करें बहाली

बिहार के विश्वविद्यालयों (Bihar Universities) में शिक्षकों की कमी (Shortage of Teachers) पर यूजीसी (UGC) सख्त. कुलपतियों को पत्र लिखकर 10 नवंबर से पहले बहाली (Appointment) प्रक्रिया शुरू करने का दिया निर्देश. यूजीसी के पत्र से राज्य के उच्च शिक्षा (Higher Education) महकमे में मची खलबली.

पटना. उच्च शिक्षा (Higher Education) में कभी विश्व में अग्रणी माना जाने वाला बिहार, आज इस क्षेत्र में बदहाल है. पिछले कई महीनों से बिहार के विश्वविद्यालय (Universities of Bihar) शिक्षकों की कमी (Shortage of University Teachers) से जूझ रहे हैं. इससे एक तरफ जहां छात्रों के भविष्य का सवाल उठ रहा है, वहीं, विश्वविद्यालयों की दशा भी बदतर होती जा रही है. बहरहाल, विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से कुछ महीने पहले बिहार के यूनिवर्सिटी की इस बदहाली की ओर देर से ही सही, मगर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) का ध्यान गया है. यूजीसी (UGC) के सचिव रजनीश जैन की तरफ से बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (Vice Chancellors) को इस बाबत पत्र भेजा गया है. यूजीसी ने अपने पत्र में शिक्षकों की कमी पर चिंता जताते हुए अल्टीमेटम दिया है कि 10 नवंबर से पहले सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया (Teachers Appointment) शुरू की जाए.

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन की ओर से भेजे गए पत्र में बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू करने का सिर्फ अल्टीमेटम ही नहीं दिया गया है, बल्कि कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. यूजीसी ने कहा है कि बहाली प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही 10 नवंबर तक यूजीसी की एक्टीविटी मॉनिटरिंग पोर्टल पर इस बाबत अपडेट भी करें. यूजीसी ने चेतावनी दी है कि अगर उसकी बातों को नजरअंदाज किया गया तो कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. हैरानी की बात है कि पिछले जून से लेकर अब तक यूजीसी कुलपतियों को चार बार पत्र लिख चुका है. बिहार विधानमंडल में भी इस पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन सरकार की तरफ से केवल आश्वासन ही मिला है. लिहाजा विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार को लगातार कठघरे में खड़ा कर रहा है.

BPSC के ऊपर बहाली करने की जिम्मेदारी
बिहार में 2007 में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को भंग कर दिया गया था. इसके बाद शिक्षकों की बहाली का अधिकार बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को दे दिया गया. लेकिन बीपीएससी द्वारा चयनित अभ्यर्थियों की बहाली अब तक नहीं हो पाई है. इधर नए कानून के तहत सरकार ने शिक्षकों की बहाली के लिए फिर से बिहार राज्य विश्वविद्यालय आयोग को जिम्मेवारी दे दी है. 2017 में विधेयक पास कर आयोग का फिर से गठन भी कर दिया गया. लोकसभा चुनाव के बरक्स नया आयोग तो बना, लेकिन 51 स्वीकृत पदों में से एक चौथाई पर ही अभी तक नियुक्ति हो पाई है. ऐसे में यूजीसी के पत्र के बाद भी बहाली प्रक्रिया शुरू होगी, यह कहना मुश्किल है. हालांकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा दावा करते हैं कि सरकार जल्द ही बहाली प्रक्रिया शुरू करेगी, लेकिन सरकारी दावे पुष्टि तब तक नहीं हो पाएगी, जब तक खाली पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति हो न जाए.

बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के खाली पद
मगध यूनिवर्सिटी गया – 1443
ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी दरभंगा – 1199
बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर – 1160
तिलका मांझी यूनिवर्सिटी, भागलपुर – 803
भूपेन्द्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा – 698
जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा – 636
वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी आरा – 596
पटना यूनिवर्सिटी पटना – 492
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत यूनिवर्सिटी – 380

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  • रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    हम सब जानते है कि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ के रूप में कार्य करती है। इसके साथ ही हमारा मानना है कि पत्रकार एक विपक्ष का का कार्य करती है। यूपीसीएल मीडिया नामक व्हाट्सप्प ग्रुप की शुरूवात ऊर्जा क्षेत्र के लिए समाचार संकलन का कार्य कर रहे कुछ पत्रकार, जिसमें प्रमुख रूप से अविजित आन्नद, वेद प्रकाश, रवि शर्मा व आकिब शामिल रहे, ने शक्ति भवन, लखनऊ परिसर में किया, उस समय किसी भी प्रकार को यह अंदाजा नहीं था, कि कुछ ही समय में यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प गु्रप विभाग में इतना लोक प्रिय हो जायेगा। यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप का विभाग में लोकप्रियता को देखते हुए आज यूपीसीएल मीडिया एक व्हाट्सप्प ग्रुप से एक कदम आगे वढ़ाते हुए समाचार क्षेत्र में भी कार्य करना प्रारम्भ किया। यूपीसीएल मीडिया ऊर्जा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों को देखते हुए प्रिंट/वेब संस्करण के रूप में कार्य प्रारम्भ की है। यूपीसीएल मीडिया में हम यही करने की कोशिश कर रहे है और बिना आप सभी के सहयोग के यह संभव नहीं है। अतः मैं गुजारिश करूंगा कि बिजली उपभोक्ता एवं ऊर्जा क्षेत्र के अधिकारीयों के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए हमारे साथ शामिल हो। आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ !!

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