खुलेगा बिजली बाजार: अब पूरे देश में बिजली सप्लाई करेंगी प्राइवेट कंपनियां! सरकार का ड्राफ्ट तैयार
- भारत में बिजली व्यवस्था में बड़ा बदलाव आने वाला है!
- केंद्र सरकार ने ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है, जिससे निजी कंपनियां भी पूरे देश में बिजली सप्लाई कर सकेंगी।
- अब लोग सिर्फ सरकारी कंपनी पर निर्भर नहीं रहेंगे — बेहतर सेवा देने वाली कंपनी चुनने का अधिकार मिलेगा।
- 👉 अडानी, टाटा पावर, टोरेंट और CESC जैसी कंपनियों को बढ़ेगा बड़ा मौका।
नई दिल्ली। भारत की बिजली व्यवस्था में बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्र सरकार ने एक ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है, जिससे निजी कंपनियां भी पूरे देश में बिजली सप्लाई कर सकेंगी। अभी तक यह काम ज्यादातर सरकारी कंपनियों तक सीमित था, लेकिन नए ड्राफ्ट से यह बाजार खुल जाएगा।
अब उपभोक्ताओं को वही सुविधा मिलेगी जो मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर चुनते वक्त मिलती है — यानी बेहतर सेवा देने वाली कंपनी का चुनाव करने का अधिकार।
सरकार के इस प्रस्ताव से अडानी एंटरप्राइजेज, टाटा पावर, टोरेंट पावर और सीईएससी जैसी निजी कंपनियों को देशभर में अपना नेटवर्क फैलाने का मौका मिलेगा। इससे बिजली वितरण में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ेंगी।
अभी दिल्ली, ओडिशा, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे कुछ राज्यों में ही निजी कंपनियां बिजली वितरण कर रही हैं। बाकी राज्यों में यह जिम्मेदारी सरकारी कंपनियों की है, लेकिन वे लगातार घाटे में हैं।
जून 2025 तक राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादक कंपनियों का करीब 6.78 अरब डॉलर का बकाया था। इससे बिजली उत्पादन और वितरण, दोनों क्षेत्रों में पूंजी की भारी कमी आ गई।
सरकार का कहना है कि निजी कंपनियों को समान रूप से काम करने की अनुमति मिलने से सेवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी, उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प मिलेंगे और बिजली व्यवस्था में वित्तीय स्थिरता आएगी।
राज्यों की प्रतिक्रिया:
कुछ साल पहले जब केंद्र ने ऐसा प्रयास किया था, तो कई राज्यों और उनकी वितरण कंपनियों ने इसका विरोध किया था। हालांकि इस बार ड्राफ्ट में राज्यों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान जोड़े गए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल की शुरुआत में दो बिजली वितरण कंपनियों को निजी हाथों में देने के लिए बोली प्रक्रिया भी शुरू की थी। माना जा रहा है कि नया बिल पास होने के बाद अन्य राज्य भी यही रास्ता अपनाएंगे।
संभावित असर:
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बिजली क्षेत्र में बढ़ेगी निजी निवेश और प्रतिस्पर्धा
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उपभोक्ताओं को मिलेगा बेहतर सेवा चुनने का अधिकार
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सरकारी कंपनियों पर घटेगा दबाव
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घाटे में चल रही वितरण कंपनियों को मिलेगी चुनौती








