
लखनऊ। यूपीपीसीएल मीडिया।
स्मार्ट मीटर लगाने का दावा उपभोक्ताओं को सटीक बिल देने का था, लेकिन हकीकत इसके उलट सामने आ रही है। राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम, दुबग्गा, काकोरी, चिनहट और अपट्रॉन सहित कई इलाकों के उपभोक्ता फर्जी रीडिंग से बने भारी-भरकम बिजली बिलों से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
📌 हैरान करने वाले बिल –
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राजाजीपुरम निवासी विजय कुमार (2 किलोवाट कनेक्शन) को ₹19,371 का बिल थमा दिया गया। शिकायत पर बिल घटकर ₹3,929 निकला।
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सावित्री देवी (4 किलोवाट, सोलर कनेक्शन) को ₹75,060 का बिल भेजा गया, जबकि सही बिल मात्र ₹4,370 था।
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उर्मिला (3 किलोवाट, सोलर कनेक्शन) को ₹25,400 का बिल थमा दिया गया।
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अपट्रॉन उपकेंद्र क्षेत्र में अजय कुमार (4 किलोवाट) को ₹12,632 का बिल भेजा गया।
📌 बिल और मीटर में जमीन-आसमान का फर्क –
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ओमप्रकाश (खाता सं. 6394090000) का बिल पर रीडिंग 24334.93, मीटर पर सिर्फ 17172।
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विजय कुमार शाह (खाता सं. 8400371099) का बिल पर रीडिंग 23384.04, मीटर पर 18519।
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अल्ताफ अहमद (खाता सं. 6431556928) का बिल पर रीडिंग 35446.21, जबकि मीटर पर 18613।
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शोम दत्त (खाता सं. 1624880000) का बिल पर रीडिंग 43326.63, मीटर पर मात्र 17387।
📌 व्यापार मंडल ने जताई कड़ी आपत्ति –
उत्तर प्रदेश अपना व्यापार मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारी अजय यादव ने अधीक्षण अभियंता मुकेश त्यागी से मुलाकात कर स्मार्ट मीटर घोटाले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा – “नए मीटर लगने के बाद राजाजीपुरम, अपट्रॉन, ऐशबाग सहित कई जगहों पर उपभोक्ताओं को दोगुना-तिगुना बिल मिल रहा है।”
📌 विभाग ने दिया आश्वासन –
अधीक्षण अभियंता मुकेश त्यागी ने पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया है।
👉 यूपीपीसीएल मीडिया का सवाल –
क्या स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी रोकने का दावा महज़ दिखावा था?
जब सोलर कनेक्शन वालों को भी फर्जी बिल थमाया जा रहा है, तो क्या यह तकनीकी खामी है या जानबूझकर किया गया खेल?
⚡ स्मार्ट मीटर का सच उजागर होना बाकी है, लेकिन फिलहाल उपभोक्ता लेसा की ‘स्मार्ट’ लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं।