
आजमगढ़/अहरौला। यूपी बिजली विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। अहरौला कस्बे के छेदीलाल सोनी का आरोप है कि विभाग ने उनकी 92 वर्षीय मां कलावती देवी के नाम दर्ज कनेक्शन पर बिना उपयोग के 5247 यूनिट का फर्जी बिल थमा दिया।
👉 अप्रैल 2025 में भेजा गया 37,777 रुपये का बिल लगातार बढ़ते-बढ़ते अब ढाई लाख रुपये तक पहुंच चुका है। जबकि उपभोक्ता का कहना है कि मार्च 2025 तक का सारा बकाया चुका दिया गया था।
👉 छेदीलाल का आरोप है कि मीटर बदलने के बाद भी उसकी प्रमाणित प्रति तक नहीं दी गई। विभाग ने बिना अनुमति लोड को 2 किलोवाट से बढ़ाकर 7 किलोवाट कर दिया, जबकि घर में पहले से ही 10 किलोवाट का सोलर पैनल लगा है।
👉 शिकायत के बावजूद जेई, एसडीओ और अधिशासी अभियंता तक किसी ने सुनवाई नहीं की। उल्टा कर्मचारी 92 वर्षीय बुजुर्ग महिला को बार-बार दफ्तर बुलाने लगे। छेदीलाल ने कहा कि वह तीन बार अपनी मां को दफ्तर ले जा चुके हैं और अब कर्मचारी बिल खत्म करने के नाम पर मोटी रकम की रिश्वत मांग रहे हैं।
👉 उपभोक्ता के पास सभी भुगतान की रसीदें मौजूद हैं और कनेक्शन कटवाने के लिए कई बार आवेदन भी किया गया, लेकिन विभाग ने कार्रवाई नहीं की।
अब छेदीलाल ने कहा है कि वह ऊर्जा मंत्री से मिलकर शिकायत करेंगे।
इस पूरे मामले पर अधिशासी अभियंता केके वर्मा का कहना है – “उपभोक्ता कार्यदिवस में सभी कागजात के साथ कार्यालय में संपर्क करें, समस्या की जांच कर समाधान किया जाएगा।”
⚡ यूपीपीसीएल मीडिया न्यूज का सवाल –
क्या विभाग बुजुर्ग महिला को न्याय देगा या फर्जी बिल वसूली का यह खेल जारी रहेगा?