
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग की लापरवाही एक बार फिर लोगों की जान पर भारी पड़ गई। सोनभद्र जिले में करंट लगने से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई, और विभागीय जिम्मेदार तमाशबीन बने बैठे रहे।
परिजनों ने घटना के तुरंत बाद बिजली कटौती की गुहार लगाई, लेकिन मौके पर मौजूद जेई ने ठंडे रवैये से जिम्मेदारी एसडीओ पर डाल दी। इतना ही नहीं, जब भाजपा विधायक डॉ. अनिल कुमार मौर्य तक ने बिजली काटने के लिए कहा, तब भी जेई ने विधायक की बात तक मानने से साफ इनकार कर दिया। नतीजा यह हुआ कि महिला बिजली के करंट से तड़प-तड़प कर मौत के मुंह में समा गई।
यह घटना साफ दर्शाती है कि यूपीपीसीएल के अफसरों और कर्मचारियों के लिए इंसान की जान की कोई कीमत नहीं बची है। विभागीय उदासीनता और संवेदनहीनता का यह चेहरा न केवल चौंकाने वाला है बल्कि यह सवाल खड़ा करता है कि जब विधायक तक की बात अनसुनी कर दी जाती है तो आम जनता की कौन सुनेगा?
लोगों का कहना है कि विभाग में बैठे भ्रष्ट और मनमाने अधिकारियों पर कार्रवाई न होने के कारण ही ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। यह सिर्फ एक महिला की मौत नहीं, बल्कि बिजली विभाग की नाकामी और लापरवाही का काला सच है।
👉 अब बड़ा सवाल यह है कि क्या इस घटना पर जिम्मेदार जेई-एसडीओ और विभागीय अधिकारियों पर कोई कठोर कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दबा दिया जाएगा?