लखनऊ से यूपीपीसीएल मीडिया की बड़ी खबर
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने फिर किया प्रबंध निदेशक के आदेशों की अनदेखी
लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल ने 02 अगस्त 2025 को आउटसोर्स एजेंसियों के जरिए तैनात कर्मचारियों पर सख्त फरमान जारी किया था।
लेकिन, 28 दिन बीत जाने के बाद भी अफसरों ने आदेश का पालन तो दूर, उस पर सोचना तक ज़रूरी नहीं समझा।

➡️ 5 अगस्त 2025 तक अनुपालन प्रमाण पत्र भेजने की आख़िरी तारीख तय थी, लेकिन अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता मानो नींद में सोए हुए हैं।
➡️ आदेश साफ था कि 33/11 केवी सबस्टेशन और स्विचिंग स्टेशन पर सिर्फ तकनीकी स्टाफ ही तैनात होगा।
➡️ हेल्पर की आयु सीमा 45 वर्ष और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यकाल 3 साल से अधिक नहीं रखा गया।
सवालों के घेरे में अफसर और आदेश
यह कोई पहला मौका नहीं है—इससे पहले भी पूर्व एमडी भवानी सिंह और पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल इसी तरह के आदेश दे चुके हैं।
लेकिन, हर बार की तरह यह आदेश भी फाइलों में ही दबा पड़ा है।
अब बड़ा सवाल यह है—
⚡ क्या रिया केजरीवाल महज़ नाम की प्रबंध निदेशक हैं?
⚡ क्या उनके आदेश भी सिर्फ ‘हवा-हवाई’ साबित होंगे?
⚡ आदेश की धज्जियां उड़ाने वाले अधिकारियों पर वाकई कार्रवाई होगी या फिर वही पुराना खेल दोहराया जाएगा?
यूपीपीसीएल मीडिया की चुभती टिप्पणी
मध्यांचल निगम में अफसरों की मनमानी इतनी गहरी है कि प्रबंध निदेशक के आदेश भी ‘बिना पढ़े कूड़ेदान में डाल दिए जाते हैं’।
अब देखना यह है कि रिया केजरीवाल अपने आदेश को अमल में लाती हैं या फिर उनका नाम भी उन अफसरों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जिनके फरमान कभी कागज़ से बाहर ही नहीं निकल पाए।








