
देवरिया। कृष्ण जन्माष्टमी जैसे बड़े पर्व पर बिजली विभाग की घोर लापरवाही ने बढ़या और बाँकी गांव के लोगों को भारी संकट में डाल दिया। गुरुवार शाम 4 बजे से दोनों गांवों की बिजली गुल हो गई, जो देर रात तक बहाल नहीं हो पाई। नतीजा यह रहा कि गांव के मंदिरों और घरों में श्रद्धालु अंधेरे में ही पूजा-पाठ करने को मजबूर हुए।
खलहवा टोला, लाल टोला और राजा चौराहे पर भक्तों ने मोबाइल की रोशनी और मिट्टी के दीपों के सहारे जन्माष्टमी मनाई। उमस और गर्मी से हाल बेहाल रहा। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक रात भर परेशान होते रहे।
गांव वालों की आवाज अनसुनी
बढ़या निवासी राजेंद्र कुशवाहा ने बताया—“हर साल गांव में भव्य कीर्तन और झांकी निकलती है, लेकिन इस बार बिजली विभाग ने पूरा माहौल बिगाड़ दिया।” बाँकी की सरस्वती देवी ने कहा—“बिजली न होने से बुजुर्ग बीमार पड़ गए, लेकिन विभाग के अफसर फोन तक उठाने को तैयार नहीं थे।”
शिकायतें दरकिनार, अफसरों की चुप्पी
ग्रामीणों के अनुसार कई बार शिकायत करने के बावजूद विभागीय कर्मचारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। अधिकारियों से संपर्क की कोशिश की गई लेकिन “नेटवर्क में हूं” और “मीटिंग में हूं” जैसे बहाने सुनने को मिले, जबकि हकीकत यह रही कि कोई भी अधिकारी मौके पर पहुंचना जरूरी नहीं समझा।
जवाबदेही से भागता विभाग
त्योहार के दिन बिजली गुल होना विभाग की तैयारी और निगरानी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। ग्रामीणों का कहना है कि त्योहारों पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का विभाग हर साल दावा करता है, लेकिन हकीकत हर बार उलट साबित होती है।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बिजली विभाग की इस लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई हो और त्योहारों व धार्मिक आयोजनों के समय विशेष सतर्कता बरती जाए।