
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विजली विभाग के ठेकेदार कमीशनखोरी के लालच में आम जनमानस के जीवन के साथ खिलवाड़ करने में पीछे नहीं है। कमीशनखोरी के खेल के चक्कर में जिम्मेदार अफसर उपभोक्ता हितों के हो रहे विकास कार्य का मौका मुआयना नहीं कर रहे हैं। इसके कारण भूमिगत बिछने वाली लाइनों को मानक एक मीटर के विपरीत गहराई में बिछाया जा रहा है।
जानकीपुरम स्थित एक स्कूल प्रबन्धक ने हौसला दिखाते हुए ठेकेदार द्वारा एक मीटर की गहराई के स्थान पर छह इंच की गहराई करके 11 हजार वोल्ट के करंट की केबल को बिछाने के खेल का पर्दाफाश किया है। इसके उपरान्त जानकीपुरम डिविजन, लेसा के अधिशासी अभियन्ता अक्षय प्रताप सिंह ने मानक के विपरीत भूमिगत केबल बिछाने सम्बन्धित प्रकरण संज्ञान में आते ही उसके काम को रोक कर कार्य करा रहे ठेकेदार अजय दुबे को तलब करते हुए अवर अभियन्ता व उपखण्ड अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जानकीपुरम सेक्टर आई अन्तगर्त शिव विहार की बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए 11 केवी के सिंगल स्रोत को डबल करने के लिए दूसरी लाइन का काम चल रहा था। इसी क्रम में सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के सामने मात्र 6 इंच की खोदाई कर 11 केवी की अंडरग्राउंड लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा था, जिस पर विद्यालय प्रशासन ने आपत्ति जताते हुए को कम गहराई पर केबल बिछाए जाने पर बारिश के दौरान करंट उतरने का अंदेशा लगाते हुए सम्बन्धित जिम्मेदारों से शिकायत की… जिसके उपरान्त जानकीपुरम डिविजन, लेसा के अधिशासी अभियन्ता अक्षय प्रताप सिंह ने आनन-फानन में ठेकेदार को काम रोकने का निर्देश दिया।
इस सन्दर्भ में ठेकेदार अजय दुबे ने जानकीपुरम डिविजन, लेसा के अधिशासी अभियन्ता अक्षय प्रताप सिंह को बताया कि जिस जगह पर केबल को डाला जा रहा उसके ठीक नीचे दूसरी केबल पहले से है। ज्यादा खोदाई करने के दौरान दूसरी केबल के कटने का अंदेशा जताया। फिलहाल प्रकरण की जांच के बाद केबल को बिछाने का कार्य शुरु होगा।
जानकार बताते है कि आए दिन भूमिगत केबल कटने के जितने भी मामले उजागर किये गये है, उनकी जांच नहीं कराई जा रही है, मानक के विपरीत भूमिगत केबल को जमीन में बिछाने के बजाय उसको दबाया गया , जिसके कारण हल्की ही खोदाई के दौरान उसके क्षतिग्रस्त होने से उपभोक्ताओं की बिजली व्यवस्था फेल हो रही है।