
जनपद हापुड़ में गढ़ मुक्तेश्वर के अधिशासी अभियन्ता अनुज जायसवाल और उपेड़ा के उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित द्वारा साजिश करके 33 केवी लाइन शिफ्टिंग की झूठी रिपोर्ट बनाकर अवर अभियन्ता कृष्णचंद को निलंबित किया, जबकि 5 लाख रुपये लेकर 33 केवी की लाइन अवैध रूप से शिफ्ट कर दी गई।
उपभोक्ता को अपने स्थान पर प्लॉटिंग करके बेचना चाहता था, लेकिन बीच मे 33 केवी की लाइन इस काम में बाधा थी उपभोक्ता अधिशासी अभियन्ता और उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित से मिलता है और 5 लाख में बात फाइनल हो जाती है, इसके उपरान्त एक सोची समझी साजिश के तहत अब दोनों के द्वारा उक्त ढ़ीली लाइन को ठीक करने और लाइन को ऊंची करने का ₹72749 रुपये का एस्टीमेट एक अवर अभियन्ता से बनवाया तो गया, लेकिन उच्च अधिकारीयों से अनुमोदन भी नही लिया गया।
फिर एक रणनीति के तहत जिस अवर अभियन्ता ने एस्टीमेट बनाया अधिशासी अभियन्ता ने उसे छुट्टी पर भेज दिया। कृष्णचंद अवर अभियन्ता को मौखिक कहा कि कोई समस्या आये तो देख लेना….. अब यहाँ से कहानी में मोड़ आता है। इस सम्पूर्ण प्रकरण से नया अवर अभियन्ता अनभिज्ञ है और उपखण्ड अधिकारी पर विश्वास करते हुए उक्त बातें सही मान लेता है
उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित द्वारा दिनांक 26.4.25 को 12ः55ः26 बजे अवर अभियन्ता कृष्णचंद को फोन करके अपने कार्यालय में बुलाते हैं। अवर अभियन्ता कृष्णचंद अपनी गाड़ी से उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित के पास जाते हैं। कॉल रेकॉर्ड देखें
उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित 33 केवी लाइन के मेंटेनेंस के लिए अवर अभियन्ता कृष्णचंद को 132 केवी बाबूगढ़ चलने की कहते हैं फिर दोनों 132 केवी बाबूगढ़ पर पहुँच कर शटडाउन लेते हैं। लाइन शिफ्टिंग का यह कार्य 26 अप्रैल की दोपहर 3ः05 बजे से शाम 4ः40 बजे तक कराया गया था, जिस दौरान रमपुरा बिजलीघर से जुड़े बनखंडा, रमपुरा, हाजीपुर, बंगौली, मुरादपुर, उदयपुर, दयानतपुर की आपूर्ति प्रभावित रही थी। शटडाउन लेने के बाद दोनों साइट पर पहुंचे, तो ठेकेदार सामान सहित साइट पर कार्य को जल्दी समाप्त करने के उद्देश्य से उपस्थित थे।
अवर अभियन्ता कृष्णचंद अपने उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित को साइट पर ही छोड़कर (निलम्बन आदेश में भी इसकी पुष्टि होती है) अपने मूल उपकेंद्र के कार्यों हेतु साइट पर से चले जाते है, क्योंकि उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित खुद साइट पर सुपरविजन कर रहे थे।
इसके पश्चात 16ः35 बजे अवर अभियन्ता के पास ठेकेदार का फोन आता है कि काम हो गया है….शटडाउन वापस करा दो, जिस पर अवर अभियन्ता ने कहा उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित साहब से बात करा दो….जिसके लगभग पॉच मिनट बाद ही 16ः40 बजे उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित का फोन आता है कि काम हो गया वापस करा दो…. इस दौरान दोनो के बीच केवल 9 सेकंड बात होती है। काल डिटेल देखें…
एक और कमाल की बात… उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित की मौजूदगी में 33 केवी लाइन की शिफ्टिंग 26.4.25 को हो जाती है, लेकिन समान 29.4.25 को ठेकेदार के व्यक्ति द्वारा उठाया जाता है। गेट पास देखे।
इस पूरे कार्य का सुपरविजन उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित ने किया… जबकि निलम्बित अवर अभियन्ता पर सम्बन्धित उपकेंद्र का चार्ज भी नही था…. एस्टीमेट भी नही बनाया था, लेकिन समाचार पत्रों में आया, तो शटडाउन लेने के कारण निलम्बित कर दिया अवर अभियन्ता को?
अधिशासी अभियन्ता और उपखण्ड अधिकारी सौरभ दीक्षित दोनो पैसा खाकर साफ निकल गए… और इस प्रकरण में फस गया बिना पैसा के निर्दोष अवर अभियन्ता