फर्जी बिलिंग मामले में न तो दर्ज हुआ मुकदमा न रिलीव किए गए अवर अभियन्ता

दाहूगंज। जनपद में फर्जी बिलिंग के मामले में क्विज कंपनी ने सेवरही, पडरौना और कसया क्षेत्र के 54 मीटर रीडर सहित एक-एक सुपरवाइजर और सर्किल ऑफिसर पर मुकदमा दर्ज कराने का दिया गया आदेश का अनुपालन भी अभी तक हवा में है… जबकि आदेश जारी हुए एक सप्ताह बीत चुका है। इसी मामले में बिजली निगम ने तरयासुजान के अवर अभियन्ता के खिलाफ आरोप पत्र दायर करते हुए देवरिया स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, लेकिन अवर अभियन्ता भी अब तक यहां से कार्यमुक्त नहीं हुए। वह अभी भी क्षेत्र में घूमकर कनेक्शन की जांच कर रहे हैं।

बिजली निगम की तरफ से क्विज कंपनी को बिलिंग करने की जिम्मेदारी दी गई थी। एक जगह बैठे-बैठे ही बिल बनाने के मामले में क्विज कंपनी का सहयोग करने पर निगम ने तरयासुजान में कार्यरत अवर अभियन्ता महेंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई की। उनका देवरिया स्थानांतरण कर दिया था। बिलिंग मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया गया था, जबकि दुदही में कार्यरत अवर अभियन्ता दिलीप मौर्या को पडरौना और पडरौना के अवर अभियन्ता सर्वेश दुबे का दुदही स्थानांतरण कर दिया गया था।

इस आदेश के सप्ताह बाद भी तीनों अवर अभियन्ता अभी तक रिलीव नहीं किए गए हैं। हालत यह है कि तबादला किए जाने के बाद भी अवर अभियन्ता महेन्द्र कुमार यहीं बने रहकर बिजली कनेक्शन की जांच कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि अधिशासी अभियंता और उपखण्ड अधिकारी तमकुहीराज प्रतिशोध की भावना से फर्जीवाड़ा उजागर करने वाले शिकायतकर्ता को ही फंसाने की कोशिश में लगे हैं।

इस संबंध में अधीक्षण अभियंता प्रदीप वर्मा ने बताया कि ट्रांसफर में कुछ समय लगता है। कुछ लोग रिलीव हो गए हैं। अवर अभियन्ता महेंद्र कुमार की तरफ से बिजली जांच के सम्बन्ध में बताया कि अधिशासी अभियंता ने कैसे अवर अभियन्ता को जांच के लिए भेज दिया, जबकि उसका स्थानांतरण हो चुका है। अगर किसी ने प्रतिशोध में जांच कराया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

अब शिकायतकर्ता को ही डराने-धमकाने का आरोप
आरोप है कि सेवरही के अधिशासी अभियन्ता के इशारे पर उपखण्ड अधिकारी तमकुही द्वारा फर्जीवाड़े की शिकायत करने वालों को बेवजह बिजली बिल जांच के नाम पर डराया-धमकाया जा रहा है। शिकायतकर्ता प्रवीण मणि त्रिपाठी ने यह आरोप लगाते हुए बताया कि बुधवार को अधिशासी अभियन्ता और उपखण्ड अधिकारी के आदेश पर मोरवन एवं दाहूगंज में अवर अभियन्ता महेंद्र कुमार तथा अन्य ने जांच की। जिन लोगों ने उनके खिलाफ शिकायत किया था, उनका कनेक्शन जांच करने के नाम पर काटने की धमकी दी। प्रवीण मणि त्रिपाठी ने सवाल किया कि जब अवर अभियन्ता का स्थानांतरण हो चुका है, तब फिर वह कैसे क्षेत्र में जांच करते फिर रहे हैं।

बिजली निगम के पांच और अवर अभियंता किए गए कार्यमुक्त
बिजली की गलत बिलिंग के मामले में निगम ने तरयासुजान फीडर के अवर अभियन्ता महेंद्र कुमार को कार्यमुक्त करने के एक सप्ताह बाद 5 और अवर अभियन्ता को गुरुवार के दिन रिलीव कर दिया। फर्जी बिलिंग के मामले में 11 नवंबर को ही छह अवर अभियन्ता स्थानांतरित किए गए थे, लेकिन उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया था। प्रकरण मुख्य अभियंता के संज्ञान में आने के बाद 21 नवंबर को तरयासुजान अवर अभियन्ता को रिलीव तो कर दिया गया था, परन्तु दुदही, पडरौना, पडरौना टाऊन, रामकोला और हाटा में कार्यरत अवर अभियन्ता रिलीव नहीं किए गए थे। स्थानांतरण के 17 दिन बाद गुरुवार को आखिरकार इन्हें भी रिलीव कर दिया गया।

अधिशासी अभियन्ता और टीजी-2 पर एक लाख का रिश्वत मांगने का आरोप
तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के सेवरही डिवीजन के तरयासुजान उपकेंद्र के एक उपभोक्ता ने ऊर्जा मंत्री और निगम के प्रबन्ध निदेशक सहित कई अधिकारियों से डिवीजन के अधिशासी अभियन्ता, टीजी-2 और एक संविदा कर्मी की शिकायत की है। आरोप है कि उसके आटा चक्की का कनेक्शन करने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई। रिश्वत नहीं देने पर अभी तक उसे कनेक्शन नहीं दिया गया, जबकि पूर्व में इसी उपकेंद्र के अंतर्गत 20 केवी का ट्रांसफार्मर कतौरा मोड पर उसकी आटा चक्की के लिए लगा हुआ था। उसे अपने आवास पर लगवाने की मांग कर रहा है।

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