
विद्युत नगरीय वितरण मण्डल, कार्यालय- गोमतीनगर में सम्बद्ध करने का आदेश जारी होने के लगभग 10 दिन उपरान्त भी भ्रष्ट अवर अभियंता इंजीनियर सौरभ कुशवाहा को सम्बन्धित अधिकारी नहीं कर सके कार्यमुक्त को …. क्या सम्पूर्ण सर्किल में कोई और अवर अभियन्ता नहीं है, जिसको भ्रष्ट अवर अभियंता इंजीनियर सौरभ कुशवाहा को कार्यमुक्त कर अतिरिक्त चार्ज दिया जा सके..
बताते चले कि यूपीपीसीएल मीडिया के नियमित फालोअप से परेशान मुख्य अभियंता कार्यालय, गोमती नगर द्वारा एक सोची समझा रणनीति के तहत भ्रष्ट अवर अभियंता इंजीनियर सौरभ कुशवाहा का दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को स्थानांतरण करके, उसके स्थान पर एक ऐसे अवर अभियन्ता का तैनाती सम्बन्धित कार्यालय ज्ञाप जारी कर दिया, जो अपनी बेटी के शुभ विवाह हेतु लम्बी छुट्टी पर थे।
जी हॉ हम बात कर रहे है अवर अभियन्ता इंजीनियर विपिन भारती का, जो कि विधुत नगरीय परीक्षणशाला, चिनहट अन्तगर्त विधुत नगरीय परीक्षण खण्ड – गोमती नगर में तैनात है… वर्तमान समय में अपनी बेटी के शुभ विवाह हेतु छुट्टी पर चल रहे थे, दुर्भाग्यबश विवाह के कुछ तीन पूर्व ही उपरोक्त इंजीनियर का अपनी धर्म पत्नी सहित रोड एक्सीडेंट हो गया, जिससे उनका पैर का फ्रैक्चर हो गया, जिससे कम से कम दो माह ऑन बेड रहेंगें, जिससे उनका कार्यालय आना नहीं हो सकता… तो क्या भ्रष्ट अवर अभियंता इंजीनियर सौरभ कुशवाहा स्थानांतरण उपरान्त भी दो माह तक सुगामऊ क्षेत्र के उपभोक्ताओं का खून चूसते रहेगें।
अपने राजनीति दबाव के कारण चिनहट डिविजन अन्तगर्त मलाईदार लौलाई पावर हाउस पर तैनाती देने के उद्देश्य से लगभग 13 दिन पूर्व हुए स्थान्तरण आदेश में बदलाव करते हुए 10 दिन पूर्व एक बार फिर इंजीनियर सौरभ कुशवाहा स्थान्तरण आदेशः पत्रांक संख्या 3213 दिनांक 6/11/2024, जिसके अनुसार 33/11 केवी उपकेन्द्र- सुगागऊ, अन्तर्गत विद्युत नगरीय वितरण खण्ड मुंशीपुलिया कार्यालय से हटाकर विद्युत नगरीय वितरण मण्डल, कार्यालय- गोमतीनगर में सम्बद्ध करने का आदेश जारी किया गया है….
यह हैरानी का विषय है कि वद्युत नगरीय वितरण मण्डल, कार्यालय- गोमतीनगर में सम्बद्ध करने का आदेश जारी होने के लगभग 10 दिन उपरान्त भी भ्रष्ट अवर अभियंता को सम्बन्धित अधिकारी कार्यमुक्त नहीं कर सके… जबकि उक्त स्थान्तरण पत्र के 2 नम्बर कॉलम में साफ-साफ निर्देशित किया गया था कि इकाई प्रमुख / नियंत्रक अधिकारी का दायित्व होगा कि उपरोक्त कार्मिक को बिना प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किये स्थानीय व्यवस्था से तत्काल कार्यमुक्त कर दिया जाये.. लेकिन हम तो पढ़े लिखे है नहीं , इसलिए शायद उच्च अधिकारीयों की नजर में तत्काल का मतलब कुछ और होता होगा, उक्त विलम्ब से यह साफ जाहिर है कि भ्रष्ट अवर अभियंता इंजीनियर सौरभ कुशवाहा को उनके उच्च अधिकारी पूर्णतयः मौका दे रहे है कि 33/11 केवी उपकेंद्र- सुगामऊ बैठ कर पूर्व में किये गये गलती का सबूत मिटा दो, जिससे जॉच कमेटी के हाथ कुछ नहीं लगें।
देखना यह कि इस खबर के उपरान्त उच्च अधिकारियों की कृपा भ्रष्ट अवर अभियंता इंजीनियर सौरभ कुशवाहा पर बने रहेगी अथवा नहीं… यह देखना दिलचस्प होगा।