
लखनऊ। सराय माली खां इलाके में बिजली चोरी का मामला सामने आया, जिसमें एक उपभोक्ता ने तकनीकी तरीके से मीटर में रिमोट लगाकर खपत को कम दिखाया। अभियंताओं की जांच में मामले का खुलासा हुआ और उपभोक्ता के खिलाफ कार्रवाई की गई।
लखनऊ के सराय माली खां इलाके में एक उपभोक्ता ने बेहद ही तकनीकी तरीके से बिजली चोरी की, जिसे पकड़ने में अभियंताओं को काफी समय लगा। उपभोक्ता दीन दयाल रस्तोगी के पास छह किलोवाट का वाणिज्यिक कनेक्शन था, लेकिन उसकी खपत बेहद कम हो रही थी। अभियंताओं ने कई महीनों तक उपभोक्ता पर नजर रखी और जब बिलों में भारी अंतर पाया गया, तो मामले की गहराई से जांच की गई।
अधीक्षण अभियंता आर.सी. पांडे ने बताया कि उपभोक्ता ने मीटर के अंदर एक रिमोट सर्किट लगा रखा था, जिसकी मदद से वह मीटर की गति को घटा-बढ़ा सकता था। यहां तक कि वह मीटर को पूरी तरह से रोक भी सकता था। जांच के दौरान मौके पर 11.3 किलोवाट बिजली का लोड मिला, जबकि बिलिंग केवल 100 यूनिट प्रति माह दिखा रही थी।
उपभोक्ता ने बिजली चोरी करने के बावजूद सभी मानकों का पालन किया था, जैसे कि नया मीटर लगवाना और आर्मर्ड सर्विस केबल का इस्तेमाल करना। इसका मकसद था कि किसी को चोरी का शक न हो। अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले की वीडियोग्राफी की गई है और अब उपभोक्ता के खिलाफ बिजली चोरी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस बिजली चोरी के मामले में करीब पांच लाख रुपये से अधिक का एसेसमेंट बनाया जाएगा। अभियंताओं ने बताया कि उपभोक्ता का कनेक्शन काट दिया गया है और मामला दर्ज कर लिया गया है।
आखिर कैसे होती है बिजली चोरी?
बिजली चोरी करने के लिए कई उपभोक्ता तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि मीटर में रिमोट सर्किट लगाना, मीटर को धीमा करना या उसे पूरी तरह से रोक देना। यह तकनीकें विद्युत कंपनियों के लिए चुनौती बन जाती हैं।