एंटी करप्शन की जाल में घूस लेते रंगेहाथ फसा बिजली विभाग का संविदा कर्मचारी

वाराणसी। एंटी करप्शन की टीम ने लेढ़ूपुर स्थित विद्युत उपखंड अधिकारी कार्यालय से शुक्रवार को एक श्रमिक (कंप्यूटर ऑपरेटर) को 10 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर व्यापारी से नए कनेक्शन के लिए 15 हजार मांग रहा था। इसकी शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन ने उसके खिलाफ कार्रवाई की है। आरोपी की पहचान रोहनिया थाना के गजाधरपुर, कुरहुआ निवासी बृजेश कुमार के रूप में हुई है। बृजेश के खिलाफ सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज करा कर उसे पुलिस को सौंप दिया गया है।

यह है पूरा मामला
एंटी करप्शन के प्रभारी निरीक्षक मैनेजर सिंह ने बताया कि भुलेटन (चौक) निवासी कुलदीप कुमार बरनवाल का सारनाथ में नैपकिन बनाने का कारखाना है। उन्होंने 5 किलोवॉट के कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। नगरीय विद्युत वितरण खंड-षष्ठम (पहड़िया) के लेढ़ूपुर उपकेंद्र के अवर अभियंता अनूप कुमार ने परिसर का निरीक्षण किया। परिसर और पोल की दूरी 40 मीटर से अधिक बताकर कनेक्शन देने से मना कर दिया। इसके साथ ही कहा कि स्टीमेट बनेगा। इसमें काफी खर्च आएगा।

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी ने नया कनेक्शन देने के नाम पर कुलदीप से पहले 15 हजार रुपये मांगे थे। बाद में 10 हजार रुपये पर राजी हो गया। कारखाना संचालक ने जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त से शिकायत की। अफसरों के निर्देश पर एंटी करप्शन ने जाल बिछाया। दोपहर लगभग 12 बजे कुलदीप पैसा लेकर लेढ़ूपुर उपकेंद्र पहुंचा।

बातचीत के बाद रुपयों से भरा लिफाफा ऑपरेटर बृजेश कुमार को दिया। इतने में एंटी करप्शन की टीम ने ऑपरेटर को रंगे हाथों पकड़ लिया। कार्रवाई की खबर मिलते ही बगल के कमरे में मौजूद उपखण्ड अधिकारी वहां से चलते बने। अवर अभियंता भी मौके से नदारद हो गए। आरोपी के खिलाफ सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

एंटी करप्शन की टीम से भुलेटन, चौक निवासी कुलदीप बरनवाल ने शिकायत की थी। कुलदीप के अनुसार वह सारनाथ थाना के सारंगतालाब क्षेत्र में अपनी जमीन पर नैपकिन पेपर बनाने की मशीन लगाने के लिए उपखंड अधिकारी कार्यालय, लेढ़ूपुर में गत 11 जुलाई को पांच किलोवाट का नया कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए।

कनेक्शन के कागजात लेकर लेढूपुर कार्यालय गए। वह बिजली कनेक्शन के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर बृजेश के पास गए। बृजेश ने कहा कि आपके कागजात पूरे नहीं हैं, जबकि आवेदन के बाद अवर अभियंता अनूप कुमार और राकेश यादव ने निरीक्षण किया था। उसके बाद फिर कार्यालय जाने पर अवर अभियंता अनूप ने कहा कि कंप्यूटर ऑपरेटर से समझ लें। जब वह बृजेश से मिले तो उसने कहा कि आपको जहां कनेक्शन लेना है उसकी दूरी खंभे से ज्यादा है।इसके लिए दो पोल ओर तार अलग से लगेगा।

बृजेश ने 15 हजार रुपये देने पर काम होने की बात कही। बातचीत के बाद 10 हजार रुपये देने पर बृजेश ने काम होने की बात कही। इसके बाद कुलदीप एंटी करप्शन की टीम से मिले और शिकायत दर्ज कराए। एंटी करप्शन की टीम ने कुलदीप को शुक्रवार को बुलाकर उनके 10 हजार रुपये की नोट में केमिकल लगाकर दिया।

कुलदीप लेढ़ूपुर स्थित कार्यालय में बृजेश के पास पहुंचे। बृजेश को कुलदीप 10 हजार रुपये दे रहे थे, उसी दौरान एंटी करप्शन की ट्रैप टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर मैनेजर सिंह, इंस्पेक्टर नीरज कुमार सिंह और इंस्पेक्टर राकेश बहादुर सिंह की टीम ने उसे पकड़ लिया।

अवर अभियंता के आईडी का करता था प्रयोग
आरोपी बृजेश कुमार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (चपरासी) है। अभियंताओं ने उसे कंप्यूटर ऑपरेटर की कुर्सी पर बैठा दिया। यही नहीं वह अवर अभियंता की सरकारी आईडी का इस्तेमाल करता था। उसके पास आईडी का पासवर्ड भी था। अवर अभियंता के नाम पर बिजली कनेक्शन भी वही जारी करता था। इसकी आड़ में उपभोक्ताओं से धनउगाही करता था। कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने की वजह से लोग उसे बृजेश ‘बाबू’ बुलाते थे। आरोपी गजाधरपुर (रोहनिया) का निवासी है।

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