
संभल। विद्युत विभाग में कार्यरत निविदा और संविदा कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार से समस्याओं का समाधान करने की मांग की। कर्मचारियों ने आरोप लगाया की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की घोषणा के बावजूद भी मार्च 2033 में हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर वापस नहीं लिया गया है।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा एवं संविदा कर्मचारी संघ ने रविवार की रात जनपद संभल की सदर कोतवाली संभल क्षेत्र में कैंडल मार्च निकालकर अपनी मांगों को उठाया और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए समस्याओं का समाधान न करने की बात कही है।
कैंडल मार्च निकालकर कर्मचारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मचारियों का लेबर का अनुबंध कर लाइनमैन उप केंद्र परिचालक आदि जैसे घातक बाद तकनीकी कार्य कराया जा रहा है, वेतन भुगतान में भेदभाव करते हुए सैनिक कल्याण निगम से तैनाती उपकेंद्र परिचालकों का अनुबंध लगभग ₹30000 का जबकि संविदा कर्मी के माध्यम से तैनात उपकेंद्र परिचालकों का अनुबंध 13000 रुपए किया जा रहा है।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की घोषणा के बाद भी मार्च 2023 में हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर वापस नहीं लिया जा रहा है और दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु मानक के अनुरूप सुरक्षा उपकरण नहीं दिया जा रहा है, घायल कर्मचारी का कैशलेस उपचार नहीं किया जा रहा, साथ ही अपॉक्यू कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति नहीं दी गई, ईपीएफ घोटाले की जांच नहीं कराई गई और महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश नहीं दिया जा रहा और 55 वर्ष की अवस्था में कर्मचारियों को सेवानिर्वित किया जा रहा है।