
लखनऊ। बीकेटी डिवीजन अंतर्गत जीपीआरएस पावर हाउस के अवर अभियंता इंजीनियर विशाल चौधरी एक शिकायत के आधार पर 20, अलकापुरी कॉलोनी, आदिल नगर निवासी बिलाल अहमद (उपभोक्ता नंबर 1999770000) के घर पर प्रातः 9ः00 बजे के आसपास भारी भरकम फौज जिसमें विजिलेंस भी शामिल रही … के साथ पहुंच गई।
उपभोक्ता के परिसर की चेकिंग के दौरान छत पर एक कट मिला, जिसे लगभग 2 साल पहले केबिल टूटने पर पावर हाउस के ही सलाह पर एमसील लगा दिया गया था…. फिर क्या था अवर अभियंता इंजीनियर विशाल चौधरी के हाथ में चांदी जो लग गई.. मानो एक किला फतह कर ली….. तत्काल कनेक्शन काटने का आदेश दे दिया और उपभोक्ता को 1 घंटे के बाद पावर हाउस बुला भी लिया।
लगभग 1 घंटे के बाद जब उपभोक्ता अपने बुजुर्ग पिता के साथ पावर हाउस का संपर्क करता है, तो अवर अभियन्ता के स्टापगण अधिशासी अभियंता से मिलने की बात कहीं, इसी क्रम में उपभोक्ता ने अधिशासी अभियंता बीकेटी के पास जाकर निवेदन किया, जिस पर अधिशासी अभियंता महोदय ने नीचे उपखंड अधिकारी से संपर्क करने को बोला… कुल मिला कर हालात ऐसे बने प्रातः 11ः00 बजे से शाम 6ः00 बज गए ना तो अवर अभियंता महोदय अपने कार्यालय आए नहीं इस बारे में किसी प्रकार की कोई सूचना अपडेट की गई।इसी बीच सूचना मिलने के उपरांत यूपीपीसीएल मीडिया की टीम जीपीआरएस पावर हाउस पहुंची और परेशान उपभोक्ता से मुलाकात की। इसके उपरांत उपभोक्ता द्वारा जानकारी दी गई की अवर अभियंता महोदय से बात हुई कि रुपया 11300.00 मात्र शमन सहित आपका बिजली चोरी की एसेसमेंट बना है जिसे आप जमा कर दे लाइट जुड़ जाए… उपभोक्ता द्वारा तत्काल 25000 जमा करने का निवेदन करता रहा, लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी… यह जानकर उपभोक्ता से पूरी घटनाक्रम की जानकारी ली गई और संबंधित कट का फोटोग्राफ मंगाया गया, जिसमें एमसील लगने का दावा किया गया था।
उपभोक्ता द्वारा एमसील लगा कट का फोटोग्राफ दिखाने पर यह सब जाहिर हो गया कि उपभोक्ता द्वारा किसी प्रकार की कोई बिजली चोरी नहीं की गई थी। यह स्पष्ट होते ही यूपीपीसीएल मीडिया ने मुख्य अभियंता, लेसा इंजीनियर सुनील कपूर से संपर्क कर संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई, जिसको संज्ञान में लेकर मुख्य अभियंता महोदय ने तत्काल बिना समय नष्ट किए हुए अधिशासी अभियंता इंजीनियर डीपी सिंह बात की। इसके उपरांत मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिशासी अभियंता इंजीनियर डीपी सिंह ने अवर अभियंता विशाल चौधरी को कड़े शब्दों में फटकार लगाई और तत्काल कनेक्शन जोड़ने के लिए आदेशित किया। यह सब सायंकाल 6ः45 बजे के आसपास की बात है।
अधिशासी अभियंता महोदय द्वारा आश्वासन देने पर उपभोक्ता अपने घर की वापसी कर लिया और कनेक्शन जुड़ने का इंतजार करने लगा। लगभग 1 घंटे के बाद समय निकलता देख फोन से अधिशासी अभियंता सहित अवर अभियंता को कई बार कॉल लगाया गया लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सका। कई बार अधिशासी अभियंता महोदय को कॉल करने के बाद रात्रि लगभग 10ः00 बजे के आसपास उपरोक्त कनेक्शन को इंजीनियर विशाल चौधरी ने किया।सवाल यह पैदा होता है कि उपभोक्ता के यहां किसके शिकायत पर अवर अभियंता महोदय भारी भरकम फौजी के साथ दविश देते हैं और एम सील लगे कट को बिजली चोरी का रूप दे देते हैं यही नहीं उसे बिजली चोरी की आवाज में लाखों रुपए का बिल भी बना देते हैं… या अपने आप में एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है, जबकि इस विषय पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत प्रबन्ध निदेशक ने पत्रांक 93 प्रनि / म०वि०वि०नि०लि० / कैम्प दिनांक : 27/04/2024 को एक आदेश जारी किया था , जिसके अनुसार किसी परिसर पर जांच के दौरान यदि सर्विस केबल एक अथवा अधिक स्थानों पर कटी पाई जाती है तो इससे मीटर बायपास करके विद्युत चोरी की आशंका तो उत्पन्न होती है परंतु ये स्वयं में विद्युत चोरी का पर्याप्त साक्ष्य नहीं है, जब तक कि मौके पर बिजली की चोरी होते हुए देखी ना जाय ऐसे प्रकरणों में सीधे धारा-135 की कार्यवाही (गुकदमा और असेसमेंट) अनुचित है, बल्कि ऐसे प्रकरणों में पुरानी सर्विस केवल आरमर्ड सर्विस केवल के माध्यम से प्रतिस्थापित करके मीटर को परिसर के बाहर स्थापित कराया जाना चाहिए तथा आगामी तीन महीने के विद्युत उपभोग की तुलना गत वर्ष समान महीनों के उपभोग से करके असेसमेंट (यदि रिक्वायर्ड हो तो) बनाया जाय।
कृपया इस संदर्भ में अवर अभियंता इंजीनियर विशाल चौधरी जवाब दें कि किसके शिकायत पर अपनी फौजी टीम के साथ जिसमें विजिलेंस भी शामिल हो… उपभोक्ता के घर दबिश देती है… यही नहीं एमसील लगे कट को देखकर ना सिर्फ कनेक्शन काटते हैं, बल्कि लाखों रुपए का एसेसमेंट भी बना देते हैं और कॉलोनी में जो बदनामी होती है वह अलग… अवर अभियंता के इस हरकतों के कारण क्या उपभोक्ता की बदनामी वापसी हो जाएगी?