
यूपी में गर्मियों में बिजली की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य के पावर कारपोरेशन ने पावर बैकिंग के जरिए दूसरे राज्यों से बिजली लेने का इंतजाम कर लिया है। इससे यूपी को अप्रैल से सितंबर तक 458.4 करोड़ यूनिट बिजली मिलेगी। इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तराखंड और केरल से पहली बार पावर बैकिंग की गई है। इनके अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से भी बिजली मिलेगी।
यूपी में बिजली की मांग हर साल बढ़ती जा रही है। नए बिजली कनेक्शन और उद्योगों की वजह से बिजली की जरूरत बढ़ गई है। 2023 में गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 28000 मेगावाट तक पहुंच गई थी। इस साल यह आंकड़ा 30500 मेगावाट तक जा सकता है। इसलिए पावर कारपोरेशन ने पहले से ही बिजली की कमी को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।
पावर बैकिंग क्या है?
पावर बैकिंग का मतलब है कि एक राज्य दूसरे राज्य से बिजली लेता है और बाद में उसे वापस करता है। इससे दोनों राज्यों को फायदा होता है। जब एक राज्य को बिजली की ज्यादा जरूरत होती है, तो वह दूसरे राज्य से बिजली लेता है। जब उसकी बिजली की मांग कम होती है, तो वह उस बिजली को वापस करता है। इससे बिजली का समतुल्य वितरण होता है और बिजली की बर्बादी भी नहीं होती है।
यूपी को कितनी बिजली मिलेगी?
यूपी को पावर बैकिंग के तहत 11 राज्यों से कुल 458.4 करोड़ यूनिट बिजली मिलेगी। इसमें से सबसे ज्यादा बिजली तेलंगाना से मिलेगी, जो 116.9 करोड़ यूनिट है। इसके बाद गुजरात से 17.7 करोड़ यूनिट, महाराष्ट्र से 23.3 करोड़ यूनिट, उत्तराखंड से 4.9 करोड़ यूनिट और केरल से 8.6 करोड़ यूनिट बिजली मिलेगी। इन पांच राज्यों से पहली बार पावर बैकिंग की गई है। इनके अलावा मध्य प्रदेश से 86.4 करोड़ यूनिट, राजस्थान से 63.6 करोड़ यूनिट, जम्मू-कश्मीर से 18.9 करोड़ यूनिट, तमिलनाडु से 55.2 करोड़ यूनिट, आंध्र प्रदेश से 38.4 करोड़ यूनिट और कर्नाटक से 33.5 करोड़ यूनिट बिजली मिलेगी।
यूपी को यह बिजली अप्रैल से सितंबर के बीच जब बिजली की मांग सबसे अधिक होती है उस समय मिलेगी। इससे यूपी को गर्मियों में बिजली की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।