कार्यवाही के नाम खामोश क्यों है लेसा/मध्यांचल- करोड़ो रूपये की राजस्व की चपत लगाने वाले मास्टरमाइंड पवन मिश्रा पर आखिर कब होगी कारवाई??

लखनऊ। करोड़ो रूपये की राजस्व की चपत लगाने वाले मास्टरमाइंड पवन मिश्रा पर आखिर कब होगी कारवाई, यह भविष्य की गर्त में है। सूत्रों की माने तो प्रबन्ध निदेशक- मध्यांचल एवं मुख्य अभियंता, लेसा ट्रांस गोमती आशीष अस्थाना के ऊपर पत्रकारों के एक ग्रुप मध्यांचल पर कार्रवाई करने के नाम पर उनके भ्रष्टाचार को खोलने की धमकी से सहमे अधिकारीगण कार्यवाही करने से हिचक रहे है, सम्भावना यह भी है कि जॉच अधिकारी से जॉच रिपोर्ट बदल दिया जाये। यदि किसी कारण कारवाई करना पड़े, तो महज खानापूर्ति करते हुए कार्यवाही के नाम पर कभी भी सहायक मुख्य अभियंता पवन मिश्रा का स्थानांतरण की सूचना प्रकाश में आ सकता है. यह स्थानांतरण यह दर्शायेगा कि हमने तो कार्रवाई कर दी और भ्रष्टाचारियों का बचाव भी हो गया, इस नाम मात्र कार्यवाही से भ्रष्टाचारियों का हो सके बचाव, जीवन दान मिल सके।

मुख्य अभियंता लेसा कार्यालय में तैनात विभीषण द्वारा उपलब्ध कराया गया जांच आख्या से लिया गया कटिंग

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चिनहट डिविजन में सालों से चल रहे बिलों में हेराफेरी कर करोड़ो की राजस्व की चपत लगाने वाले मास्टरमाइंड पवन मिश्रा और बरकत अली के खिलाफ प्राप्त हुए 70 शिकायतों में से सिर्फ एक शिकायत को आवाज प्लस बैनर द्वारा ऊजागर किये गये निजामपुर मल्हौर स्थित मदरसे में हुए बिल घोटाला के विभागीय जांच दो सदस्यीय जांच समिति के सदस्य अधिशासी अभियंता पवन वर्मा एवं अंकिता शुक्ला द्वारा जांच पूरी कर जांच आख्या मुख्य अभियंता लेसा ट्रांस गोमती आशीष अस्थाना के पास भेज दी, मुख्य अभियंता, लेसा कार्यालय में कार्यरत विभीषण द्वारा प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर यह पुष्टि हो गई है की उजागर किए गए मामले में सहायक अधिशासी अभियंता पवन मिश्रा दोषी है, लेकिन संबंधित विभाग कार्रवाई करने के बजाय इस सम्पूर्ण मामले में लीपापोटी करने पर तुला है, वह खुद नहीं चाहता कि इस पर कारवाई हो, क्यों कि इस हमाम में सब नंगे है।

मुख्य अभियंता लेसा कार्यालय में तैनात विभीषण द्वारा उपलब्ध कराया गया जांच आख्या से लिया गया कटिंग

अनुमान यह लगाइए कि चिनहट डिविजन में कई सालों से तैनात सहायक अधिशासी अभियंता पवन मिश्रा और संविदा कर्मी बरकत अली की जोड़ी ने अनगिनत मामलों में के कारनामों से सजा में से सिर्फ 70 फाइल आवाज प्लस बैनर को प्राप्त हुई थी, जिसमें सिर्फ एक फाइल से शुरूवात करते हुए जांच मुख्य अभियंता से करने का अनुरोध किया गया था, जबकि अन्य 69 फाइलों पर पर जांच होनी बाकी है। जब एक फाइल पर कार्रवाई के नाम पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड भ्रष्टाचारियों के सामने नतमस्तक है, तो अन्य फाइलों पर या तो जॉच किया ही नहीं जायेगा, यदि किया जायेगा.. तो उसमें दोषी करार देने पर क्या हाल होगा, इसका अंदाजा स्वयं लगा सकते है?

मुख्य अभियंता लेसा ट्रांस गोमती आशीष अस्थाना के ऊपर एक नामी दैनिक समाचार पत्र के नामी पत्रकार के साथ-साथ दो अन्य पत्रकार ने मध्यांचल के वरिष्ठ अधिकारी के कारनामों का पर्दाफाश करने की धमकी देकर इतना दबाव डाला कि कार्यवाही के नाम पर महज खानापूर्ति करते हुए इस खेल के मोहरा संविदा कर्मचारी बरकत अली को मौखिक रूप से बर्खास्त करने के लिए एजेंसी को बोल दिया इसके साथ ही सहायक अधिशासी अभियंता पवन मिश्रा का स्थानांतरण कहीं अन्य जगह करने की चर्चा प्रकाश में आने लगा, ताकि होने वाली कार्यवाही कागजों में ही सिमट कर रह जाये और उपरोक्त भ्रष्टाचारियों का बचाव हो सके।

बताते चले कि चिनहट डिवीजन में सालों से चल रहे बिलों में हेराफेरी कर करोड़ो की राजस्व की चपत लगाने वाले मास्टरमाइंड पवन मिश्रा और बरकत अली के खिलाफ हाल में ही आवाज प्लस बैनर द्वारा ऊजागर किये गये निजामपुर मल्हौर स्थित मदरसे में हुए बिल घोटाला के विभागीय जांच दो सदस्यीय जांच समिति के सदस्य अधिशासी अभियंता पवन वर्मा एवं अंकिता शुक्ला द्वारा जांच पूरी कर जांच आख्या मुख्य अभियंता लेसा ट्रांस गोमती आशीष अस्थाना के पास भेज दी थी। सहायक अभियंता पवन मिश्र मदरसा बिल घोटाले में दोषी सिद्व होने के उपरान्त मुख्य अभियंता लेसा ट्रांस गोमती आशीष अस्थाना के ऊपर एक नामी पत्रकार इतना दबाव है कि कार्यवाही के नाम पर सिर्फ महज खानापूर्ति हो सके, इसलिए कार्यवाही का पासा मध्यांचल की तरफ फेक दिया…अब मध्यांचल के एक तरफ कुआं, तो दूसरी तरफ खाई जैसे मुहावरें की तरह हो गई है, यदि कार्यवाही करती है, तो खुद वेनकाब होने की सम्भावना बनती है, यदि नहीं करती है, तो फिर किरकिरी का सामना करना पडे़गा।

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