गाज़ियाबाद सीमा पर एक उपभोक्ता की अजब–गजब हरकत ने बिजली विभाग को सकते में डाल दिया। यूपीपीसीएल की टीम जब उपभोक्ता के घर बिजली चोरी की जांच करने पहुंची, तो उसने चोरी स्वीकार भी की, लेकिन सफ़ाई ऐसी दी कि टीम के होश उड़ गए—
“हाँ, चोरी कर रहा हूँ… पर यूपी की नहीं, दिल्ली की बिजली की!”
दिल्ली की लाइन में डाली थी कटिया—यूपीपीसीएल टीम चकराई
उपभोक्ता का मकान गाज़ियाबाद सीमा में होने के कारण यूपी और दिल्ली की लाइनों का जंक्शन पॉइंट पास ही है। इसी का फायदा उठाते हुए आरोपी ने दिल्ली की सप्लाई से कटिया डालकर अपने घर में एसी, हीटर और भारी लोड वाले उपकरण चलाना शुरू कर दिया।
दावा यह कि “यूपी का मीटर साफ है, चोरी हो भी रही है तो दिल्ली की लाइन से।”
30 दिन में 50 करोड़ यूनिट की खपत—विभाग सख्त
जांच में सामने आया कि इलाके में सीमाई क्षेत्रों का दुरुपयोग कर ऐसे कई उपभोक्ता दिल्ली की लाइन से बिजली चोरी कर रहे हैं।
- लगातार बढ़ती फर्जी खपत
- बकाया वसूली न होना
- विभागीय लाइन लॉस तेजी से बढ़ना
यूपीपीसीएल ने इसे दिल्ली-यूपी जंक्शन पॉइंट पर यूनिट लॉस बढ़ने का बड़ा कारण बताया है।
टीम पर दबाव डालने की कोशिश—कानूनी कार्रवाई तय
टीम के अनुसार आरोपी ने पहले बहस, फिर दबाव और बाद में “सीमा विवाद” का तर्क देकर कार्रवाई रोकने की कोशिश की। पर विभाग अब एफआईआर, जुर्माना और बकाया बिल की रिकवरी की तैयारी में है।
यूपीपीसीएल का बयान
“सीमा पर रहने वाले उपभोक्ता चोरी रोकने के लिए दिल्ली और यूपी की सप्लाई को मिलावट कर छल नहीं कर सकते। बिजली चाहे जिस राज्य की हो, चोरी अपराध है—और सख्त कार्रवाई निश्चित है।”







