अहम सवाल कि क्या विभाग गरीब उपभोक्ताओं से पैसा वसूलेगा या उनकी लाशों की गिनती करेगा?
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बिजली विभाग की कार्रवाई ने एक परिवार को तबाह कर दिया। 30 हजार रुपए के बकाया बिल और नोटिस के दबाव ने एक युवक को इतना तोड़ दिया कि उसने गले में फंदा डालकर अपनी जान दे दी।
फुगाना थाना क्षेत्र के एक बाग में कृष्ण पुत्र भोपाल का शव पेड़ से लटका मिला। मृतक 30 अक्टूबर से लापता था। परिजनों ने बताया कि बिजली विभाग की ओर से जुर्माने और बकाए का नोटिस मिलने के बाद वह मानसिक रूप से बेहद परेशान चल रहा था।

परिवार का कहना है कि नोटिस मिलने के बाद से कृष्णा रोज़ शराब पीकर झगड़ा करता था और बार-बार यही कहता था कि अब “कैसे भरें इतना भारी बिल?” जिस दिन उसने आत्महत्या की, उस दिन भी वह शराब पीने के लिए घर से निकला था और फिर वापस नहीं लौटा।
पुलिस के मुताबिक, सूचना मिलने पर टीम मौके पर पहुंची। एफएसएल को जांच के लिए बुलाया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग का बकाया नोटिस आम लोगों के लिए आतंक बन चुका है। कई गरीब परिवार विभागीय दबाव और मनमाने बिलों से त्रस्त हैं। सवाल ये उठता है —
⚡ क्या अब जनता को भी बिल वसूलने के नाम पर मरने पर मजबूर किया जाएगा?
🌀 यूपीपीसीएल मीडिया का सवाल:
कब तक बिजली विभाग की वसूली की नीतियाँ आम आदमी की जान लेती रहेंगी?
30 हजार का बिल — और एक जिंदगी खत्म!







