गोमती नगर ज़ोन : बिजली विभाग का वर्टिकल चार्ट, सवालों से घिरा ढाँचा

⚡ बिजली महकमे का चार्ट भारी, काम हल्का!

गोमती नगर ज़ोन में 24 गैंग, 4 हेल्पडेस्क, ढेरों अफसर… फिर भी उपभोक्ता परेशान

लखनऊ। गोमती नगर ज़ोन बिजली विभाग का वर्टिकल चार्ट …. कागज़ पर सब कुछ चमकदार—33 केवी से लेकर 11 केवी तक गैंग्स, गर्मियों में 24 तक टीमों की तैनाती, पिकअप-ऐस गाड़ियाँ, 2.31 लाख उपभोक्ताओं के लिए बिलिंग व कलेक्शन शाखाएँ और 4 अलग-अलग हेल्पडेस्क।

लेकिन हकीकत?

  • फॉल्ट आने पर घंटों तक टीमें नदारद।

  • गलत बिल सही कराने में महीनों की मशक्कत, पर वसूली नोटिस झट से।

  • हेल्पडेस्क का फोन ज़्यादातर व्यस्त।

  • बिजली चोरी पर कार्रवाई गरीब बस्तियों तक सीमित।

उपभोक्ताओं का सवाल साफ है—इतना बड़ा ढाँचा किसके लिए? जनता के लिए या सिर्फ कागज़ी रिपोर्टिंग के लिए?

लखनऊ। गोमती नगर ज़ोन के बिजली विभाग की कार्यप्रणाली का वर्टिकल चार्ट कागज़ पर यह चार्ट बेहद सुनियोजित और व्यवस्थित दिखता है, लेकिन उपभोक्ता अनुभव बताते हैं कि जमीनी हकीकत उतनी चमकदार नहीं है।

तकनीकी शाखा – कागज़ी गैंग, ज़मीन पर ढिलाई

तकनीकी विंग में ईई-33 केवी, ईई-11 केवी व ईई-एलटी के लिए दर्जनों गैंग और अधिकारी नियुक्त हैं। सर्दियों में 10 से 13 गैंग और गर्मियों में 24 तक गैंग तैनात दिखाए गए हैं। हर गैंग को पिकअप व ऐस गाड़ियों से लैस बताया गया है।
लेकिन सवाल ये है—जब इतना बड़ा ढाँचा मौजूद है तो फॉल्ट दुरुस्त करने में घंटों क्यों लगते हैं? उपभोक्ता बार-बार शिकायत करते हैं कि कॉल करने पर टीम “अभी पहुँचते हैं” कहती है और कभी-कभी तो आती ही नहीं।

वाणिज्यिक शाखा – वसूली तेज, सुधार धीमा

वाणिज्यिक विंग में 2.31 लाख उपभोक्ताओं की ज़िम्मेदारी है। यहाँ बिलिंग, मीटरिंग और कलेक्शन के लिए अलग-अलग शाखाएँ बनाई गई हैं। चार्ट में एई, जेई से लेकर अकाउंटेंट और ऑफिस असिस्टेंट तक दर्ज हैं।
पर हकीकत यह है कि बिलिंग की गलतियाँ महीनों तक ठीक नहीं होतीं, जबकि वसूली की प्रक्रिया फुर्ती से पूरी कर ली जाती है। उपभोक्ताओं का कहना है कि “गलत बिल सही कराने के लिए बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन बकाया वसूली का नोटिस तुरंत आ जाता है।”

हेल्पडेस्क – नाम ज़्यादा, काम कम

चार अलग-अलग जगहों पर हेल्पडेस्क बनाए गए हैं—विभूति खंड, सेक्टर-14 ओल्ड, इंदिरा नगर और विस्तार सेक्टर-4। लेकिन ज़्यादातर उपभोक्ताओं का अनुभव है कि फोन करने पर या तो नंबर व्यस्त मिलता है या शिकायत दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती।

विशेष अभियान – दिखावा या सख्ती?

चार्ट में बताया गया है कि 10 गैंग छापेमारी और रैंडम चेकिंग के लिए रिज़र्व रखे गए हैं। लेकिन ज़ोन के कई हिस्सों में खुलेआम अवैध कनेक्शन चलते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि “छापेमारी अक्सर गरीब बस्तियों तक सीमित रहती है, जबकि बड़े पैमाने पर बिजली चोरी करने वालों पर हाथ डालने की हिम्मत विभाग नहीं करता।”

गोमती नगर ज़ोन का यह वर्टिकल चार्ट भले ही आकर्षक प्रस्तुति हो, लेकिन यह सवाल भी खड़े करता है कि क्या यह ढाँचा केवल कागज़ी है? उपभोक्ता यह जानना चाहते हैं कि आखिर इतने गैंग्स, वाहनों और हेल्पडेस्क्स के बावजूद बिजली की दिक्कतें क्यों बनी रहती हैं।

ऐसा रहेगा — गोमती नगर ज़ोन में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली का वर्टिकल चार्ट

लखनऊ। गोमती नगर ज़ोन के चीफ इंजीनियर के अधीन कार्यरत विभिन्न इकाइयों की कार्यप्रणाली का एक विस्तृत वर्टिकल चार्ट सामने आया है। इस चार्ट में तकनीकी और वाणिज्यिक (टेक्निकल व कमर्शियल) दोनों शाखाओं की संरचना और उनकी ज़िम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है।

तकनीकी विंग

एसई टेक्निकल, गोमती नगर के अंतर्गत तीन मुख्य इकाइयाँ हैं—

  • ईई-33 केवी गोमती नगर (23 संख्या 33/11 केवी उपकेंद्र)

  • ईई-11 केवी एवं एलटी गोमती नगर (12 संख्या 33/11 केवी उपकेंद्र)

  • ईई-11 केवी एवं एलटी इंदिरा नगर (11 संख्या 33/11 केवी उपकेंद्र)

इन इकाइयों में 2 एई और 4-6 जेई तैनात हैं। साथ ही, अलग-अलग मौसम में अलग-अलग गैंग्स की तैनाती भी की गई है।

  • सर्दियों में सुबह, शाम और रात की शिफ्ट में कुल 10 से 13 गैंग्स सक्रिय रहते हैं।

  • गर्मियों में गैंग्स की संख्या बढ़ाकर 24 तक कर दी जाती है।
    प्रत्येक गैंग को पिकअप या ऐस गाड़ियों से सुसज्जित किया गया है।

वाणिज्यिक विंग

एसई कमर्शियल, गोमती नगर के अंतर्गत लगभग 2.31 लाख उपभोक्ताओं की सेवा की ज़िम्मेदारी है।
मुख्य शाखाएँ इस प्रकार हैं—

  • ईई-मीटर (एएमआईएसपी और मीटरिंग कार्य)

  • ईई-बिलिंग (बिलिंग, बिल सुधार, ईए, अकाउंट्स, सीएस3/सीएस4)

  • ईई-कलेक्शन (कलेक्शन, एनएससी, लोड चेंज, कॉल, पीडी)

इन शाखाओं में एई, जेई और टीजी गैंग्स के अलावा अकाउंटेंट और ओए (ऑफिस असिस्टेंट) भी कार्यरत हैं।

विशेष इकाइयाँ

  • डेटा एनालिटिक्स के लिए अलग आईटी सेल (एई-आईटी) कार्यरत है।

  • उपभोक्ताओं की शिकायतों और त्वरित समाधान के लिए हेल्पडेस्क भी बनाया गया है, जो विभूति खंड, सेक्टर-14 ओल्ड, इंदिरा नगर और विस्तार सेक्टर-4 में सक्रिय है।

  • इसके अलावा 10 गैंग्स को छापेमारी व विशेष अभियान के लिए रिज़र्व रखा गया है।

वर्टिकल स्पष्ट करता है कि गोमती नगर ज़ोन का बिजली विभाग तकनीकी और वाणिज्यिक शाखाओं में बँटा हुआ है और दोनों स्तरों पर उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने के लिए विस्तृत ढाँचा तैयार किया गया है। गैंग्स, वाहनों और हेल्पडेस्क की व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का समय पर समाधान हो सके और बिजली आपूर्ति सुचारु रूप से जारी रहे।

  • UPPCL MEDIA

    "यूपीपीसीएल मीडिया" ऊर्जा से संबंधित एक समाचार मंच है, जो विद्युत तंत्र और बिजली आपूर्ति से जुड़ी खबरों, शिकायतों और मुद्दों को खबरों का रूप देकर बिजली अधिकारीयों तक तक पहुंचाने का काम करता है। यह मंच मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में बिजली निगमों की गतिविधियों, नीतियों, और उपभोक्ताओं की समस्याओं पर केंद्रित है।यह आवाज प्लस द्वारा संचालित एक स्वतंत्र मंच है और यूपीपीसीएल का आधिकारिक हिस्सा नहीं है।

    OTHER UPPCL MEDIA PLATFORM NEWS

    मेडा–बिजली विभाग की लापरवाही उजागर! ₹10–10 हजार का जुर्माना नोटिस, एनसीआरटीसी को सख्त चेतावनी

    मेरठ, 05 दिसंबर (प्र.)। शहर की सड़कों पर फैले मलबे, उड़ती धूल और अधूरे निर्माण कार्यों पर आखिरकार नगर निगम का हंटर चला है। नगर निगम ने शहर में फैली अव्यवस्थाओं…

    झांसी का बड़ा बिजली घोटाला — खराब मीटर की सरकारी रिपोर्ट होने के बावजूद ₹73,968 का फर्जी बिल!

    SDO–JE–रीडर पर ₹20,000 की रिश्वत मांगने का आरोप, महीनों से महिला उपभोक्ता को धमकियाँ झांसी/सिजवाहा। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के झांसी क्षेत्र में भ्रष्टाचार का हैरान करने वाला…

    बिजली चोरी निरोधक थाने के इंस्पेक्टर ₹5,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ हुए गिरफ्तार

    बिजली चोरी निरोधक थाने के इंस्पेक्टर ₹5,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ हुए गिरफ्तार

    EXCLUSIVE — यूपीपीसीएल का “मीटर माफिया” कांड! अमेठी में फूटी बिजली व्यवस्था की पोल – मीटर, केबिल समेत पूरा सेटअप गायब!

    EXCLUSIVE — यूपीपीसीएल का “मीटर माफिया” कांड! अमेठी में फूटी बिजली व्यवस्था की पोल – मीटर, केबिल समेत पूरा सेटअप गायब!

    तत्कालीन जेई-लाइनमैन के फर्जी केस का भंडाफोड़ — कोर्ट ने 17 साल बाद खोला विभागीय खेल

    तत्कालीन जेई-लाइनमैन के फर्जी केस का भंडाफोड़ — कोर्ट ने 17 साल बाद खोला विभागीय खेल

    बिजली बिल के 13.86 लाख रुपये हड़पने वाला कर्मी निलंबित, अब गबन का केस दर्ज

    बिजली बिल के 13.86 लाख रुपये हड़पने वाला कर्मी निलंबित, अब गबन का केस दर्ज

    बिजली चोरी पकड़ी गई तो बोला—मैं यूपी की नहीं, दिल्ली की बिजली चुरा रहा हूं!

    बिजली चोरी पकड़ी गई तो बोला—मैं यूपी की नहीं, दिल्ली की बिजली चुरा रहा हूं!

    ⚡ बिजली विभाग में बड़ा घोटाला! क्लर्क ने हड़पे 14 लाख, अफसरों की मिलीभगत से चलता रहा वसूली खेल ⚡

    ⚡ बिजली विभाग में बड़ा घोटाला! क्लर्क ने हड़पे 14 लाख, अफसरों की मिलीभगत से चलता रहा वसूली खेल ⚡
    WhatsApp icon
    UPPCL MEDIA
    Contact us!
    Phone icon
    UPPCL MEDIA
    Verified by MonsterInsights