
⚡️ मुंशी पुलिया डिवीजन की करतूत – उपभोक्ता देवो भवः या वसूली देवो भवः?
यूपी पावर कॉरपोरेशन की छवि सुधारने के लाख दावों के बीच मुंशी पुलिया डिवीजन का कारनामा उपभोक्ता हितों पर करारा तमाचा है। उपभोक्ता देवो भवः का नारा इस समय उपभोक्ता शोषण का प्रतीक बन चुका है।
लखनऊ। यूपीपीसीएल के मुंशी पुलिया डिवीजन से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यहां के होनहार कार्यालय सहायक संदीप कनौजिया ने ऐसा अनोखा कारनामा कर दिखाया है, जिसे जानकर अधिकारी भी दंग हैं और कर्मचारी हैरान।
उपभोक्ता ने 2022 में 02 किलोवाट का कनेक्शन लिया, बाद में सोलर पैनल और नेट मीटर लगवाया। घर हमेशा बंद रहने से खपत न के बराबर रही, मीटर की जांच में भी रीडिंग सिर्फ 359 यूनिट पाई गई। लेकिन विभाग ने बिना मीटर रीडिंग के 7706 यूनिट का भारी-भरकम बिल थोप दिया।
इतना ही नहीं, विद्युत प्रशिक्षण शाला चिनहट की आधिकारिक रिपोर्ट भी साफ कह रही है कि बिलिंग गलत हुई है। बावजूद इसके मुंशी पुलिया डिवीजन के बाबू संदीप कनौजिया ने रिपोर्ट मानने से साफ इनकार कर दिया और उपभोक्ता पर धमकियों के जरिए फर्जी बिल जमा कराने का दबाव बना रहे हैं।
🎯 असली मामला:
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उपभोक्ता ने 2022 में 2 किलोवाट का कनेक्शन लिया।
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बाद में लगाया सोलर पैनल और नेट मीटर।
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घर हमेशा बंद, खपत बेहद कम।
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जांच में रीडिंग सिर्फ 359 यूनिट।
👉 बावजूद इसके विभाग ने थोप दिया 7706 यूनिट का फर्जी बिल।
🔥 बड़े सवाल:
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क्या विभाग में बाबूशाही और भ्रष्टाचार ही सबसे बड़ा सच है?
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जब मीटर की असली रीडिंग 359 यूनिट है तो 7706 यूनिट का बोझ क्यों?
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क्या उपभोक्ता विभाग की नजरों में सिर्फ वसूली का जरिया है?
क्या विभाग में बाबूशाही, भ्रष्टाचार और मनमानी से बड़ा कुछ नहीं? हैरानी की बात यह है कि उपभोक्ता का बेटा एक आईएएस अधिकारी है, इसके बाद भी बाबूशाही के आगे उपभोक्ता की कोई सुनवाई नहीं। लगातार कई महीने से चक्कर लगाने के बावजूद अब तक बिल संशोधित नहीं किया गया।
😡 शर्मनाक विडंबना:
उपभोक्ता का बेटा एक आईएएस अधिकारी है, बावजूद इसके बाबूशाही के आगे उसकी भी नहीं चल रही। छह महीने से लगातार चक्कर काटने के बावजूद अब तक बिल संशोधन नहीं हुआ।
🚨 बाबूशाही का खेल:
विद्युत प्रशिक्षण शाला चिनहट की आधिकारिक रिपोर्ट भी बिलिंग को गलत ठहरा चुकी है। लेकिन मुंशी पुलिया डिवीजन के बाबू संदीप कनौजिया ने रिपोर्ट मानने से साफ इनकार कर दिया। उल्टा उपभोक्ता पर धमकियों के जरिए फर्जी बिल जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है।
👉 साफ है कि अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन और प्रबंध निदेशिका मध्यांचल के पारदर्शिता व सुधार के दावे मुंशी पुलिया डिवीजन के बाबुओं की मनमानी के आगे ध्वस्त हो रहे हैं। यहां उपभोक्ता की कोई अहमियत नहीं, सिर्फ बाबुओं की कलम और धमकी ही हकीकत है। अगर ऐसी कार्यशैली पर लगाम नहीं लगी तो उपभोक्ताओं का विभाग पर से विश्वास पूरी तरह उठ जाएगा।
विभागीय नियमों की अनदेखी और कार्यालय की पारदर्शिता पर गहरा सवाल उठाते इस कारनामे ने यूपीपीसीएल की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है।अब देखना होगा कि मुख्यालय इस “अनोखे कारनामे” पर संज्ञान लेकर संदीप कनौजिया पर कार्रवाई करता है या फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।