
📍 “लाइनमैन की मौत नहीं… ये सिस्टम का क़त्ल है!” लाइनमैन की दर्दनाक मौत के बाद महराजगंज में हंगामा, शव के साथ सड़क जाम**
महराजगंज: बिजली विभाग की लापरवाही एक बार फिर एक ज़िंदग़ी निगल गई। 21 साल का युवा लाइनमैन नीरज सिंह बुधवार को कर्तव्य निभाते हुए करंट की चपेट में आ गया और मौके पर ही दम तोड़ बैठा। लेकिन मौत के बाद जो हुआ, उसने सिस्टम की संवेदनहीनता को आईना दिखा दिया।
🟥 बिना सूचना के चालू की गई बिजली, पोल पर चढ़े कर्मचारी की मौके पर मौत
नीरज सिंह, जो सदर कोतवाली के बड़हरारानी गांव के रहने वाले थे, सुबह रुदौली भावचक गांव में बिजली सुधारने पहुंचे थे। उन्होंने लाइन का शटडाउन लेकर काम शुरू किया — लेकिन बिजली विभाग की घातक लापरवाही देखिए — बिना बताए अचानक सप्लाई चालू कर दी गई! नतीजा? नीरज की मौके पर ही मौत हो गई।
🛑 मौत के बाद फूटा गुस्सा – शव लेकर परिजन पहुंचे जिला अस्पताल, सड़क पर किया जाम
जैसे ही परिवार और ग्रामीणों को हादसे की जानकारी मिली, उन्होंने शव के साथ जिला अस्पताल के सामने मुख्य मार्ग जाम कर दिया। आक्रोशित लोगों ने बिजली विभाग और प्रशासन को घेरते हुए कहा – “अगर पहले सूचित कर लिया होता तो आज नीरज ज़िंदा होता!”
🚨 झड़प और हंगामा – ‘बिना कार्रवाई के शव नहीं हटाएंगे’ बोले परिजन
जाम खुलवाने पहुंची पुलिस को गुस्से का सामना करना पड़ा। जमकर नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई। लोग साफ कह रहे थे – “जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शव नहीं उठेगा।” भीड़ का गुस्सा तब थमा जब अफसरों ने लिखित कार्रवाई और मुआवज़े का आश्वासन दिया।
🗣️ सिस्टम पर सवाल, सुरक्षा के बिना भेजे जा रहे कर्मचारी
घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्सर बिना पर्याप्त सुरक्षा उपकरण और मानक प्रक्रिया के लाइनमैन को जोखिम भरे कार्यों में भेजा जाता है। यह घटना बताती है कि विभागीय लापरवाही किस तरह जानलेवा साबित हो रही है।
⚡ बिजली विभाग पर फिर उठे सवाल – क्या जान की कीमत सिर्फ एक कर्मचारी तक सिमट गई है?
यह कोई पहली घटना नहीं है। यूपी में हर महीने लाइनमैन की मौत की खबरें आती हैं, लेकिन सवाल अब भी जस के तस हैं:
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क्या लाइनमैन की जान की कोई कीमत नहीं?
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शटडाउन के बाद भी लाइन में करंट कैसे आ गया?
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सुरक्षा उपकरण क्यों नहीं मुहैया कराए जाते?
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कब तक लाइनमैन बिना हेलमेट, बिना इंसुलेशन, बिना सुरक्षा के भेजे जाते रहेंगे?
📌 अब जवाबदेही तय करनी होगी
यह सिर्फ नीरज की मौत नहीं — व्यवस्था की नाकामी का शोक गीत है। अब सवाल उठते हैं – कब होगी सुधार की शुरुआत? कब होगी जवाबदेही तय? और सबसे बड़ा सवाल — अगला नीरज कौन होगा?
UPPCL MEDIA NEWS
📍 महराजगंज | रिपोर्ट: ज़मीनी हकीकत से
🗓️ 23 जुलाई 2025
🖋️ लाइनमैन की मौत नहीं, सिस्टम का क़त्ल है ये!