27 लाख से ज्यादा लोगों से ओटीएस में अब तक 2600 करोड़ से ज्यादा की वसूली, सिर्फ बिजली चोरी में आए 180 करोड़

लखनऊ। बिजली उपभोक्ताओं को अपने बकाये की राशि चुकाने के लिए योगी सरकार द्वारा शुरू की गई एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) न सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए बल्कि ऊर्जा विभाग के लिए भी सुपर डुपर हिट साबित हो रही है. 12 दिसंबर तक इस योजना के तहत 27 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड लोगों को लाभ मिला है, जबकि विभाग को 2600 करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ बिजली चोरी से जुड़े मामलों में ही 54 हजार से ज्यादा लोगों ने योजना का लाभ प्राप्त किया है तो वहीं विभाग को इसके माध्यम से 180 करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिला है. यह राशि योगी सरकार की इस योजना की सफलता का बड़ा उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने आठ नवंबर को एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) की शुरुआत की थी. उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ लेने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में अपना पंजीकरण कराया. योजना के तहत दो तरह के लोग इसका लाभ ले रहे हैं. एक ओटीएस नॉर्मल और दूसरा ओटीएस चोरी (जिन पर बिजली चोरी का बकाया है). यह योजना 08 नवंबर से 31 दिसंबर 2023 तक कुल 54 दिनों तक तीन खंडों में चलाई जा रही है. इस योजना का पहला चरण 08 से 30 नवंबर तक चला है, जबकि अब एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक इसका दूसरा चरण चल रहा है. तीसरा चरण 16 दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलेगा।

तीसरे चरण में मिलेगा अंतिम मौका

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष आशीष गोयल ने बताया कि विद्युत बकाये के एकमुश्त समाधान के लिए यह योजना शुरू की गई थी, जो काफी सफल साबित हो रही है. उपभोक्ताओं को रजिस्ट्रेशन और आसान बकाया भुगतान की सुविधा प्रदान की गई है. योजना का पहला चरण संपन्न हो चुका है, जबकि दूसरा चरण भी 15 दिसंबर को खत्म होने वाला है. अभी तक जिन उपभोक्ताओं ने इस योजना का लाभ नहीं लिया है, उनसे अपील है कि वो तत्काल योजना का लाभ लेने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा लें. इसके तहत एक किलोवाट भार तक वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 12 तथा एक किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं को 6 किस्तों में बकाया भुगतान करने की व्यवस्था की गई है. इसी तरह निजी नलकूप उपभोक्ताओं को भी 12 किस्तों में व अन्य को 3 किस्तों में भुगतान की सुविधा मिली है. विद्युत चोरी के मामलों में राजस्व निर्धारण पर दो तिहाई छूट के साथ ही जिन उपभोक्ताओं के विरुद्ध आरसी जारी की जा चुकी है, उन्हें भी योजना में शामिल किया गया है. न्यायालय में लंबित वादों में भी योजना का लाभ दिया जा रहा है. योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता किसी भी विभागीय बिलिंग काउंटर पर, एसडीओ या एक्सीएन कार्यालय पर या यूपीपीसीएल की वेबसाइट पर योजना में पंजीकरण कर इसका लाभ ले सकते हैं।

बताते चले कि बिजली चोरी के मामलों में पांचों डिस्कॉम्स में से सर्वाधिक 17,312 रजिस्ट्रेशन पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (मेरठ जिला) से हुए हैं, जहां से 50.07 करोड़ रुपये का राजस्व कोष में जमा हुआ है. वहीं, सर्वाधिक 53.78 करोड़ रुपये का राजस्व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. (वनारस जिला) से प्राप्त हुआ है, जहां 13,276 उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसके अलावा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि. (आगरा) से कुल 14,220 रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं के माध्यम से 39.37 करोड़ रुपये, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि. (लखनऊ) से 8484 उपभोक्ताओं के जरिए 35.08 करोड़ रुपये और केस्को कानपुर से 1184 उपभोक्ताओं के माध्यम से 2.47 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया गया है. इस तरह पांचों डिस्कॉम्स में कुल मिलाकर 54,476 उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनसे कुल मिलाकर 180.77 करोड़ की वसूली हुई है. वहीं सिर्फ 12 दिसंबर को 1626 उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया और विभाग के कोष में 4.05 करोड़ रुपये जमा हो गए।

ओटीएस नॉर्मल में एक दिन में जमा हुए 110 करोड़ रुपये
ओटीएस नॉमर्ल के तहत सर्वाधिक 7,70,718 रजिस्ट्रेशन मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि. में हुए हैं, जहां से कुल 490.33 करोड़ रुपये की वसूली हुई है. वहीं सर्वाधिक 847.74 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. से हुई, जहां कुल 7,65,137 उपभोक्ताओं ने योजना में रजिस्ट्रेशन कराया. दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि. में 5,99,895 रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं से 490.33 करोड़ और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. से 5,93,036 रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं से 618.86 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है. कुल मिलाकर चारों डिस्कॉम्स से कुल 27,28,786 रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं के जरिए विभाग ने 2,615.48 करोड़ रुपये जुटाए हैं. वहीं सिर्फ 12 दिसंबर की बात करें तो कुल 1,11,771 उपभोक्ताओं ने योजना में रजिस्ट्रेशन कराया और 110.70 करोड़ रुपये कोष में जमा हो गए।

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"यूपीपीसीएल मीडिया" ऊर्जा से संबंधित एक समाचार मंच है, जो विद्युत तंत्र और बिजली आपूर्ति से जुड़ी खबरों, शिकायतों और मुद्दों को खबरों का रूप देकर बिजली अधिकारीयों तक तक पहुंचाने का काम करता है। यह मंच मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में बिजली निगमों की गतिविधियों, नीतियों, और उपभोक्ताओं की समस्याओं पर केंद्रित है।यह आवाज प्लस द्वारा संचालित एक स्वतंत्र मंच है और यूपीपीसीएल का आधिकारिक हिस्सा नहीं है।

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