लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने राज्यभर के बिजली उपभोक्ताओं को झटका देते हुए स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए पोस्टपेड बिलिंग व्यवस्था खत्म कर प्रीपेड सिस्टम लागू कर दिया है। यानी अब बिजली का मज़ा मोबाइल रिचार्ज की तरह ही लेना होगा – पहले रिचार्ज कराइए, तभी घरों में बल्ब जलेंगे।
मुख्य बिंदु:
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पुराने जमा सिक्योरिटी धनराशि को प्रीपेड बैलेंस में समायोजित किया जाएगा।
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जिन उपभोक्ताओं का बकाया बिल है, उन्हें प्रीपेड में बदलने से पहले पूरा भुगतान करना होगा।
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रिचार्ज के बिना 30 दिन की ग्रेस पीरियड और उसके बाद 3 दिन का अतिरिक्त ‘इमरजेंसी क्रेडिट’ मिलेगा, उसके बाद अंधेरा पक्का।
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प्रीपेड उपभोक्ताओं को बिजली दर पर 2% की छूट मिलेगी।
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समय से बिल या रिचार्ज न करने पर लेट पेमेंट सरचार्ज और भारी ब्याज वसूला जाएगा।

बड़ा खेल – बकाएदारों पर सख्ती
यूपीपीसीएल ने साफ किया है कि जिन उपभोक्ताओं पर बकाया है, उनसे पहले पूरा हिसाब वसूला जाएगा। बकाया चुकाए बिना प्रीपेड कनेक्शन नहीं मिलेगा। उदाहरण के लिए –
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10 हजार तक बकाया पर 10% धनराशि समायोजित,
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20 हजार से अधिक बकाया पर 25% तक अतिरिक्त बोझ।
उपभोक्ताओं में गुस्सा, विभाग का दावा राहत का
जहां एक तरफ उपभोक्ताओं का कहना है कि “यह नई व्यवस्था झंझट बढ़ाने वाली है, अब हर महीने रिचार्ज का झंझट रहेगा”, वहीं विभाग का दावा है कि यह कदम बिजली चोरी रोकने और बिलिंग सिस्टम पारदर्शी बनाने के लिए ज़रूरी है।
क्या है आगे की राह?
यूपीपीसीएल ने उपभोक्ताओं से मोबाइल ऐप डाउनलोड कर बिल, रिचार्ज और शिकायतें करने की अपील की है। विभाग का कहना है – “अब बिजली भी मोबाइल रिचार्ज की तरह – जितना डालोगे उतना पाओगे।”








