⚡ बिजली संकट पर बलिया में बवाल, अधीक्षण अभियंता के खिलाफ मुकदमे की मांग
बलिया जिले में बिजली विभाग और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच छिड़ा विवाद अब सड़क से लेकर कोतवाली तक पहुंच गया है। अधीक्षण अभियंता श्रीलाल सिंह और भाजपा कार्यकर्ता मुन्ना बहादुर सिंह के बीच शनिवार को शुरू हुआ टकराव रविवार को और गरमाता दिखा।
रविवार को भाजपा कार्यकर्ता और उनके समर्थक अधीक्षण अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग लेकर सीधे कोतवाली पहुंच गए।
भाजपा कार्यकर्ताओं का हल्ला बोल
नगर पालिका सभासद अमित दूबे ने बिजली विभाग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा –
👉 जिले में बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है,
👉 छात्र, प्रतियोगी परीक्षार्थी और किसान अंधेरे में परेशान हैं,
👉 8 से 10 घंटे की कटौती की जा रही है,
👉 वहीं उपभोक्ताओं को दोगुना बिल थमाया जा रहा है।
दूबे ने आरोप लगाया कि जब समाजसेवी मुन्ना बहादुर आदि अपनी समस्याओं को लेकर अधीक्षण अभियंता से मिलने पहुंचे तो उन्हें अपमानित किया गया। उनका कहना था – “बलिया का अधीक्षण अभियंता खुद को मानो ऊर्जा मंत्री समझ रहा है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
सर्वेश्वर पांडेय ने भी प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया और कहा कि जनता की आवाज उठाने वाले मुन्ना बहादुर जैसे समाजसेवियों को फर्जी धाराओं में फंसाकर जेल भेजा गया है।
अब तक की पूरी कहानी
शनिवार को अधीक्षण अभियंता श्रीलाल सिंह और भाजपा कार्यकर्ता मुन्ना बहादुर सिंह आमने-सामने आ गए।
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मुन्ना बहादुर का आरोप: अधीक्षण अभियंता ने गाली-गलौज की और उनके समर्थकों से मारपीट कराई।
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श्रीलाल सिंह का पलटवार: भाजपा कार्यकर्ता और उनके साथी कार्यालय में घुस आए, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें जूतों से पीटा।
📹 मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला और गर्म हो गया।
पुलिस की कार्रवाई
एएसपी/सीओ सिटी श्यामाकांत ने बताया कि अधीक्षण अभियंता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
➡ मेडिकल परीक्षण और अन्य कानूनी कार्रवाई जारी है।
➡ जिला चिकित्सालय से भाजपा कार्यकर्ता मुन्ना बहादुर की गिरफ्तारी भी कर ली गई है।
🔥 अब यह लड़ाई केवल बिजली संकट की नहीं रही, बल्कि भ्रष्टाचार, कटौती और राजनीतिक टकराव का खुला मैदान बन चुकी है। सवाल यह है कि जनता की अंधेरी रातें कब खत्म होंगी और प्रशासन इस मामले की जांच किस दिशा में ले जाएगा?
📝 यह रिपोर्ट — यूपीपीसीएल मीडिया के लिए,
जहां सच को तीखे और निर्भीक अंदाज़ में रखा जाता है।








