पीएम सूर्या घर: मुफ्त बिजली योजना (PMSGMBY) 13 फरवरी 2025 को अपनी पहली वर्षगांठ मना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 फरवरी 2024 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों में सौर रूफटॉप पैनल स्थापित करना है, जिससे बिजली लागत में कमी आएगी और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती दी है और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
योजना के मुख्य बिंदु
- दुनिया की सबसे बड़ी रूफटॉप सौर योजना – 2027 तक 1 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य।
- वर्तमान प्रगति – 27 जनवरी 2025 तक 8.46 लाख घरों में सौर पैनल लगाए गए।
- बढ़ती स्थापना दर – मासिक स्थापना दस गुना बढ़कर 70,000 प्रति माह हो गई।
- वित्तीय सहायता – ₹4,308.66 करोड़ की केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) 5.54 लाख परिवारों को वितरित।
- सब्सिडी लाभ – 40% तक की सब्सिडी, औसतन ₹77,800 प्रति परिवार।
- शून्य बिजली बिल – 45% लाभार्थियों को बिजली का कोई बिल नहीं आ रहा है।
- शीर्ष 5 राज्य – (डेटा प्रतीक्षित)।
प्रमुख लाभ
- मुफ्त बिजली – घरों के लिए सौर ऊर्जा से बिजली बिल में कटौती।
- सरकारी बचत – प्रति वर्ष ₹75,000 करोड़ की बिजली लागत में बचत।नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा – सौर ऊर्जा को अपनाने में वृद्धि।
- कार्बन उत्सर्जन में कमी – भारत के जलवायु लक्ष्यों को समर्थन।
सब्सिडी संरचना

आवेदन प्रक्रिया
राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से आवेदन व विक्रेता चयन।
बिना गारंटी ऋण – 3 kW तक के सिस्टम के लिए 7% ब्याज दर पर ऋण।
प्रसंस्करण समय – CFA 15 दिनों के भीतर उपभोक्ता रिडेम्पशन अनुरोध के बाद वितरित।
योजना का प्रभाव
घरेलू बचत एवं आय – उपभोक्ता अपने अतिरिक्त बिजली को DISCOMs को बेच सकते हैं।
सौर क्षमता में वृद्धि – योजना के तहत 30 GW सौर रूफटॉप क्षमता बढ़ेगी।
पर्यावरणीय प्रभाव
25 वर्षों में 1,000 BUs बिजली उत्पादन।
720 मिलियन टन CO₂ उत्सर्जन में कमी।
रोजगार सृजन – स्थापना, निर्माण और रखरखाव में 17 लाख नए रोजगार।
मॉडल सौर गांव पहल
लक्ष्य – प्रत्येक जिले में एक मॉडल सौर गांव स्थापित करना।
निधि आवंटन – ₹800 करोड़, प्रत्येक गांव को ₹1 करोड़।
चयन मानदंड – 5,000+ आबादी वाले राजस्व गांव (विशेष श्रेणी राज्यों में 2,000+ आबादी)।









