
बुलंदशहर। बिजली विभाग ने उपभोक्ता को फर्जी बिल बनाकर कनेक्शन काटने की धमकी दी और जबरन 50 हजार रुपये जमा करा लिए। बार-बार शिकायत के बाद भी बिल ठीक नहीं किया गया। अब उपभोक्ता आयोग ने फर्जी बिल को निरस्त करते हुए पीड़ित को मानसिक क्षतिपूर्ति और वाद व्यय देने के आदेश दिए हैं।
उपभोक्ता आयोग के जनसंपर्क अधिकारी शेखर वर्मा ने बताया कि नगर के आवास विकास कॉलोनी निवासी मनोज कुमार का 12 जनवरी 2021 को सामान्य से 39 गुना अधिक बिजली बिल 19,955 यूनिट का 1,45,293 रुपये का बनाया गया। आरोप है कि बिल ठीक कराने के लिए मनोज कुमार ने अधिकारियों के चक्कर काटे। इसके बाद अवर अभियन्ता व अन्य कर्मचारी उनके घर पहुंचे और बिल को ठीक बताते हुए कनेक्शन काटने की धमकी दी। इसी दौरान आरोपियों ने उनसे जबरन 50 हजार रुपये जमा कराए।
18 अक्तूबर 2022 को शिकायत पर आश्वासन दिया कि जल्द ही बिल का सुधार करा दिया जाएगा। नवंबर माह में उनका खराब मीटर भी बदल दिया गया लेकिन बिल ठीक नहीं किया गया। जिसके चलते उपभोक्ता ने उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया था। अब उपभोक्ता आयोग के न्यायाधीश हसनैन कुरैशी व सामान्य सदस्य मोहित कुमार त्यागी व नीलम कुमारी ने दोनों पक्षों को सुना और उपभोक्ता को दिए गए बिल को फर्जी पाया। उन्होंने आदेश दिए हैं कि विभाग द्वारा जारी किया गया बिल फर्जी है और इसे तत्काल निरस्त किया जाए। साथ ही पीड़ित को मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 50 हजार और वाद व्यय के तौर पर 10 हजार रुपये देने के लिए अधिशासी अभियंता और उपखंड अधिकारी को आदेश दिए हैं।